वनांचल में अतिक्रमण हटाओ अभियान बंद
गुवाहाटी : मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप के बाद आमसांग वनांचल में अतिक्रमण हटाओ अभियान को बंद कर दिया गया है। इस संदर्भ में वनमंत्री प्रमिला रानी ब्रह्म ने बताया कि अब मुख्यमंत्री से वार्तालाप के बाद ही इस अभियान को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि पिछले 25 अगस्त को कामरूप (मेट्रो) जिला प्रशासन के सहयोग से वन विभाग ने आमसांग वनांचल में रह रहे लोगों के घरों को तोड़ दिया था। जिला प्रशासन ने कहा था कि यह अभियान पांच दिनों तक चलेगा मगर एक ही दिन में यह अभियान बंद कर दिया गया। हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के अलावा इसका असर लखीमपुर, धेमाजी, जोनाई, ढकुवाखाना और माजुली तक देखा गया।
मालूम हो कि आमसांग वनांचल में रह रहे अधिकांश लोग राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के हैं। भविष्य में राजनीतिक नुकसान को भांपते हुए सरकार ने इस अभियान को बंद कर दिया। इधर इस अिभयान के विरोध में आज प्रभावित लोगों ने इसे कृृषक मुक्ति संग्राम समिति के बैनर तले दिसपुर चलों आंदोलन में भाग लिया। पंजाबाड़ी से दिसपुर आ रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने छह माइल फ्लाइओवर के नीचे रोक दिया। बाद में आंदोलनकारियों ने वहीं एक बैठक का आयोजन कर सरकार के निर्णय की आलोचना की। दिसपुर राजस्व अधिकारी रंजीत कुंवर ने घटनास्थल पर पहुंच कर लोगों से बातचीत की और कहा कि फिलहाल सामयिक रूप से इस अभियान को रोक दिया गया है। वहीं इस अिभयान को पूरी तरह से बंद करने की मांग में कृृषक मुक्ति ने राजस्व चक्राधिकारी के जरिए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा।