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संगरूर अवैध पटाखा फैक्ट्री के मालिक की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी

लुधियाना-संगरूर : शहर संगरूर से 15 कि.मी. दूर दिल्ली नैशनल हाईवे पर सटे कस्बा सोलरग्राट में स्थित एक कोठी नुमा पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके की आग थम चुकी है। वही आधा दर्जन के करीब जिंदा जले लोगों के जख्मों की पीड़ा से खौफजदा ज्यादा भयानक था वह वक्त जब विस्फोट हुआ था। प्रशासन ने 5 लोगों के मरने की पुष्टि की है जबकि इतने ही लोग सरकारी अस्पताल में पड़े करहा रहे है। बुधवार की सुबह जैसे ही सूर्य ने अपनी रोशनी बिखेरी तो मौके पर उपस्थित लोगों की रात को घटित खूनी मंजर देखकर रूह कांप उठी। हादसे के उपरांत मलबे में जहां करोड़ों रूपए का विस्फोटक बारूद तबाह हो चुका था वही सड़क के दोनों ओर 10-10 फुट दूर इधर-उधर मानवीय टांगे-बांहें और उंगलियां तक चित्थड़ों के साथ गिरी पाई गई। खून से लथपथ देहों को देखकर बड़े-से-बड़े जिगर वाला भी कांप रहा था। मृतक व्यक्तियों की देहों पर किसी भी प्रकार का कपड़ा नहीं बचा था। गोदाम के एक हजार गज में बनी दो मंजिला कोठियां डहकर मटियामेल हो चुकी थी।
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार रात को हुए धमाके के बाद बारूद फैक्ट्री की इमारत भभकती हुई आग के उपरांत धड़ाधड़ कर ताश के पत्ते के भांति गिर पड़ी। किसी भी उपस्थित शख्स को बचने का वक्त ही नहीं मिला। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के कई रिहायशी घरों को काफी नुकसान पहुंचा है जबकि पास ही स्थित गुरूद्वारा साहिब की दीवार भी टूट गई। फिलहाल प्रशासन मशीनों की सहायता से मलबे की सफाई में जुटा है ताकि पता लग सकें, कई मलबे के नीचे कोई मानवीय देह तो नहीं दबी। फिलहाल फायरब्रिगेड ने लोगों की मदद से अपना रेसकयू आप्रेशन पूरा कर दिया है, किंतु सबसे अहम सवाल यह है कि पुलिस ने एक साल पहले इसी गोदाम में छापा मारकर सील कर दिया था, उसके बाद यहां पिछले दरवाजे से ही पटाखों को स्टोर किया जा रहा था। पटाखा गोदाम का व्यापारी गांधी राम और उसका बेटा प्रदीप कुमार बताया जा रहा है, जिन्होंने इसी कस्बे के रिहायशी एरिया में दो कोठी किराए पर ली थी, बाद में वह स्वयं ही इसके मालिक बन गए। घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया है और दोनेां बाप-बेटों की गिरफतारी के लिए छापेमारी जारी है। संगरूर के डीसी अमरप्रताप सिंह विर्क ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के हुकम सुना दिए है।

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