मनोरंजन

संजय दत्त के साथ जेल में हुई थी कई हैरान कर देने वाली चीजें

12 मार्च 1993 में मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. इनमें अभिनेता संजय दत्त को अबू सलेम और रियाज सिद्दीकी से अवैध बंदूकों की डिलीवरी लेने, उन्हें रखने और फिर नष्ट करने का दोषी माना गया था. इसके बाद संजय को कई बार जेल भी जाना पड़ा और फिर साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने संजय को पांच साल की सजा सुनाई. जेल में संजय दत्त को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. आइए यहां जानते हैं संजय दत्त के जेल में बिताए वक्त से जुड़े 10 रोचक तथ्यों के बारे में…

संजय दत्त जेल में संजय को पेपर बैग बनाने का काम मिला था. 2016 में जब संजय को जेल से रिलीज किया गया तब तक उनकी टोटल कमाई 30000 से भी ज्यादा हो चुकी थी, जिसमें से वह सारी इनकम जेल की कैंटीन में खर्च कर चुके थे. जेल से रिहा होने के दिन उनका बैलेंस 450 था और यह पैसे उन्होंने अपनी वाइफ मान्यता को दिए.
सजा के दौरान जेल में पूछताछ कर रहे अधिकारियों ने संजय दत्त के पूरे कपड़े उतवा लिए थे.
संजय दत्त जब जेल में थे तब उनके साथ रहने वाले एक कैदी को उनकी दाढ़ी और बाल बनाने का काम सौंपा गया था. लेकिन जब संजय दत्त को बातों-बातों में यह पता लगा कि उनकी दाढ़ी बनाने वाले शख्स ने चाकू मारकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी तो संजय दत्त काफी डर गए और उन्होंने उससे दाढ़ी बनवाने से इनकार कर दिया था.
जेल मेंसंजय अपने यार्ड में ही एक से डेढ घंटे तक रनिंग किया करते थे. इसके अलावा डंबल्स न होने के कारण पानी की बाल्टियों से कसरत करते थे.
जेल मेंसंजय को राजगीरा नाम की सब्जी खाने को मिलती थी. यह सब्जी ऐसी थी जिसे कोई जानवर भी नहीं खाना चाहेगा. उस सब्जी में कीड़े भी होते थे लेकिन प्रोटीन के तौर पर संजय उसे खा लिया करते थे.
साल1994 में संजय जब जेल में थे तब उनकी दोनों बहने नम्रता और प्रिया उन्हें राखी बांधने जेल गई थीं. उस समय रक्षाबंधन के शगुन के तौर पर संजय ने प्रिया और नम्रता को 2 रुपए के कूपन दिए थे, जो उन्होंने जेल में रहकर उतने समय में कमाए थे.
संजय पुणे स्थित यरवदा जेल से पत्नी मान्यता को रोजाना एक पत्र लिखते थे. पत्नी मान्यता भी संजय को पत्र के जरिए जवाब देती थीं.
संजय दत्त को जेल में15 दिन में एक बार घरवालों से बात करने की इजाजत मिलती थी.
परिवार की याद के कारण संजय जेल में बीमार रहने लगे थे. इससे बचने के लिए संजय जेल में धार्मिक किताबें पढ़ने लगे और योगा करने लगे. जिससे उनकी तबीयत सुधरी.
एक वक्त ऐसा भी आया जब जेल में संजय ने सलाखों में सिर मार-मार कर सुसाइड करने की कोशिश भी की थी.

Related Articles

Back to top button