करीब 4 साल हो गए, जब सचिन तेंडुलकर ने क्रिकेट को अलविदा कहा था। क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद सचिन अपनी लाइफ इंजॉय कर रहे हैं, लेकिन मैदान से दूर होकर आज भी वह अपनी ऐक्टिव क्रिकेटर वाली लाइफ मिस करते हैं।
संन्यास लेने के बाद अब आप आरामदायक जीवन जी रहे हैं। क्या अब आप अपने उस कड़े ट्रेनिंग शेड्यूल को मिस करते हैं, जिसके आप आदी रहे हैं।
बिल्कुल, शारीरिक रूप से इसकी कोई तुलना नहीं है जब आप एक ऐक्टिव क्रिकेटर थे। लेकिन मैं अलग-अलग खेल खेलना पसंद करता हूं, चाहे यह बैडमिंटन, स्क्वैश, टेबल टेनिस या फुटबॉल हो। मुझे इससे संतुष्टि मिलती है। मुझे इससे बहुत खुशी मिलती है। इसके सहारे हम सब दोस्त एकसाथ मिलकर क्वॉलिटी टाइम बिताते हैं।
देश को फिट रखने के लिए आप हमेशा खेलों की बात करते हैं।
ए) यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि खेलों की मदद से आप सूचनाओं को अधिक ग्रहण कर सकते हैं।
बी) टीम स्पोर्ट्स आपको अपनी टीम के लिए त्याग करने की भावना सिखाता है।
सी) खेलों की मदद से आप यह समझ सकते हैं कि आने वाले समय में आपको भारत की सेहत से जुड़े किन पहलुओं पर काम करना है। यह एक ऐसा आइडिया जो भारत को स्वस्थ बना सकता है और आप कैलोरी का निश्चित भाग पसीने में बहा सकते हैं।