सावधान: जंक फूड खाने वालो को संतान पैदा करने में होती है दिक्कत
पिज्जा, बर्गर और हाई एनर्जी ड्रिंक्स लवर्स को यह खबर निराश कर सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जंक फूड खाने वाले युवाओं को संतान पैदा करने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि इससे उनके शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट आ जाती है। जंक फूड पुरुषों के टेस्टिकल फंक्शन को प्रभावित करता है। शोध में यह भी कहा गया है कि जो पुरुष ज्यादा उच्च फैट वाला खाना खाते हैं उनकी प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है।
जंक फूड खाने वाले पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या स्वस्थ खाना खाने वाले पुरुषों के मुकाबले औसत से 2.5 करोड़ कम हो जाती है। अगर किसी पुरुष में प्रति मिलीलीटर 1.5 करोड़ से कम शुक्राणु हैं तो इसे कम माना जाता है। इसके अलावा प्रति स्खलन में 3.9 करोड़ से कम शुक्राणुओं की संख्या भी प्रजनन क्षमता के लिए नकारात्मक है। अगर किसी पुरुष में शुक्राणुओं की संख्या कम होती है तो वह पिता नहीं बन पाता है। नई शोध बताती है की जंक फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तो होता ही है, इसके साथ ही यह शुक्राणुओं पर भी असर डालता है।
जंक फूड खाने से पश्चिमी देशों में घटी है शुक्राणुओं की संख्या?
इस शोध का कहना है कि पिछले कुछ दशकों में पश्चिमी देशों में पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या घटी है। शोधकर्ताओं ने वियना में हो रही ‘यूपोपियन सोसायटी ऑफ ह्युमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्रायोलॉजी’ सम्मेलन में इस शोध को पेश किया है। इसमें कहा गया है कि उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 40 सालों के दौरान पुरुषों के शुक्राणुओं में 59 फीसदी गिरावट हुई है।
शोधकर्ताओं ने तीन हजार डेनिश युवाओं के शुक्राणुओं के विश्लेषण के जरिए यह शोध पेश किया। शोध के लिए 2008 से लेकर 2017 के बीच इकट्ठा किए गए डाटा का विश्लेषण किया गया। इस शोध में यह भी बताया गया है कि जो लोग मछली, मांस और फलों के साथ ही सब्जियों को ज्यादा खाते हैं, उनके शुक्राणुओं की संख्या ज्यादा रहती है।
ऐसे में शोध में पश्चिमी डाइट यानी की रेड मीट, चिप्स और हाई फैट वाले खाने को पुरुषों के शुक्राणुओं के लिए हानिकारक बताया गया है। इतना ही नहीं यहां पेश हुए एक और शोध का कहना था कि धूम्रपान करने से भी युवाओं के शुक्राणुओं की संख्या में कमी आती है। यह शोध हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने किया है।
इस शोध में इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि हम जितना स्वस्थ खाना खाते हैं हमारे शुक्राणुओं की संख्या में उतना ही इजाफा होता है जबकि ज्यादा फैट और जंक फूड इस संख्या को कम कर देता है। आधुनिक जीवनशैली में जब ज्यादातर लोगों की निर्भरता जंक फूड पर ज्यादा बढ़ रही है, ऐसे में यह शोध कई तरह की चिंताएं पैदा करता है और जीवनशैली में बदलाव की तरफ भी प्रेरित करता है।
एक्सपर्ट कहते हैं कि अवसाद भी शुक्राणुओं की संख्या को कम करता है। हाल ही में हुए एक दूसरे शोध का भी यही कहना था कि जंक फूड खाने वाली महिलाओं के मां बनने की संभावना कम होने लगती है। यह शोध 5 हजार से ज्यादा महिलाओं पर किया गया था। इसमें कहा गया था कि जंक फूड महिलाओं के गर्भधारण की क्षमता को प्रभावित करता है।