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हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक का गंभीर दावा, प्राचीन सभ्यता से आते हैं एलियंस

वॉशिंगटन: दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक ने एलियंस और यूएफओ को लेकर बेहद सनसनीखेज और चौंकाने वाला दावा किया है। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और वैज्ञानिक एवि लोएब ने अपनी रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि अंतरिक्ष यान, जिसे धरती पर यूएफओ कहा जाता है, वो असल में एलियंस के ड्रोन होते हैं और वो धरती पर जानकारियां जुटाने आते हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिक एवि लोएब ने दावा किया है कि अंतरिक्ष में प्राचीन सभ्यता मौजूद है और वहीं से धरती पर यूएफओ आते रहते हैं।

हॉवर्ड वैज्ञानिक का दावा एलियंस और यूएफओ को लेकर पृथ्वी के वैज्ञानिकों में हमेशा अलग अलग मत रहा है। लेकिन, कुछ रिपोर्ट्स एलियंस को लेकर शक भी पैदा करते हैं। जैसे 2 साल पहले इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाज के पूर्व डायरेक्टर ने कहा था कि मोसाद और अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने मिलकर एक एलियन को पकड़ा था और उससे पूछताछ भी की गई थी। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि एलियंस से उन्हें काफी जानकारियां मिली हैं। मोसाद के पूर्व डायरेक्टर के दावे पर अमेरिका की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी। यहां तक की मोसाद के पूर्व डायरेक्टर के दावे का खंडन भी अमेरिका ने नहीं किया। ऐसे में माना गया कि कुछ ना कुछ ऐसा है, जिसे अमेरिका छिपा रहा है। वहीं, एक बार फिर से दुनिया के सबसे प्रतिष्टित विश्वविद्यालयों में से एक माने जाने वाले हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और वैज्ञानिक के दावे ने फिर से सनसनी मचा दी है।

अंतरिक्ष में मौजूद प्राचीन सभ्यता प्रोफेसर एवि लोएब हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोफिजिसिस्ट के प्रोफेसर हैं और पिछले कई सालों से एलियंस और अंतरिक्ष को लेकर रिसर्च कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि रिसर्च के दौरान उन्हें कई नई जानकारियां हासिल हुई हैं। प्रोफेसर एवि लोएब के रिसर्च के बाद दावा किया जा रहा है कि यूएफओ और अलौकिक सभ्यताओं के अस्तित्व के बारे में हमारे कुछ सवालों का जवाब हार्वर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक नई अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना द्वारा दिया जा सकता है। वैज्ञानिकों का ‘प्रोजेक्ट गैलीलियो’ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञान के प्रोफेसर एवी लोएब के नेतृत्व में गैलीलियो प्रोजेक्ट को लॉन्च किया गया है। जिसके जरिए ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या पृथ्वी पर जो कुछ भी हम जानते हैं, क्या उसके अलावा भी अलौकिक शक्तियां वास्तव में मौजूद हैं।

प्रोजेक्ट गैलीलियो में टेलीस्कोप ऑब्जर्वेशन किया जाएगा और अंतरिक्ष में कैमरे भेजे जाएंगे। इसके अलावा भी कई तरह के रिसर्च किए जाएंगे। प्रोजेक्ट गैलीलियो टीम के एक बयान में कहा गया है कि ”पृथ्वी और सूर्य के सिस्टम को लेकर पिछले दिनों कई महत्वपूर्ण खोज की गई हैं, लिहाजा प्रोजेक्ट गैलीलियो इसलिए लॉन्च किया गया है, क्योंकि पृथ्वी के अलावा कई ऐसी चीजों की खोज करना जरूरी है, जिसे हम अब नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। उन अलौकिक सभ्यताओं को अब किसी भी हाल में अनदेखा नहीं किया जा सकता है”। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी का ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से एलियंस की खोज के लिए ही है। एलियंस की खोज के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक हॉवर्ड यूनिवर्सिटी ने ये प्रोजेक्ट तब लॉन्च किया है, जब 2017 में अमेरिकी सरकार ने यूएफओ और इंटरस्टैलर को लेकर एक ओउमुआमुआ नाम की एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें ETC यानि अलौकिक शक्तियों के होने की बात की पुष्टि की गई थी। लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि पृथ्वी के बाहर मौजूद ये अलौकिक शक्तियां कहां हैं, किस ग्रह पर रहते हैं, उनका जीवन कैसा है, उनके पास टेक्नोलॉजी क्या हैं, उनका रहन सहन क्या है और सबसे महत्वपूर्ण बात, कि वो इंसानों के दोस्त हैं या फिर दुश्मन।

प्रोफेसर ने क्या कहा ? हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवि लोएब ने यूएसए टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया कि ”प्रोजेक्ट गैलीलियो के जरिए भविष्य में हम इंटरस्टेलर स्पेस से और अधिक ऑब्जेक्ट पाएंगे, जो काफी अजीब दिखते हैं। हमें एक स्पेस रॉकेट पर एक कैमरा भेजकर उन्हें फॉलो करना चाहिए जो उनके करीब हो और उनकी तस्वीर काफी करीब से खींचे, ताकि हमें कुछ जानकारियां हासिल हो सके”। उन्होंने कहा कि पिछले महीने सरकार की रिपोर्ट जारी होने के बाद यह परियोजना वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में अज्ञात वस्तुओं पर फिर से रिसर्च करने का एक और मौका है। ”राजनेता नहीं जानते हैं सच्चाई” हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवि लोएब ने अमेरिका के कुछ नेताओं और कुछ सैन्य अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई है। दरअसल, अमेरिका के कुछ नेताओं और कुछ सैन्य अधिकारियों ने एलियंस की बात से इनकार कर दिया था, जिसके बाद प्रोफेसर एवि लोएब ने उन्हें जमकर फटकार लगा दी।

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