अद्धयात्मजीवनशैली

एक साथ 108 कुंड, यहां नहाने से दूर होती है बीमारी, वैज्ञानिकों के लिये बना हुआ है रहस्यमय


मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की महिमा सर्वविदित है, लेकिन फिर भी बता दें कि राम का भारत को अद्भुत देन है 108 कुंड। पौराणिक कथाओं में भगवान राम के चमत्‍कारों का वर्णन कई जगह किया गया है, इन्‍हीं चमत्‍कारों में से एक है भगवान राम के हाथों बना तालाब। मान्‍यता है कि इस तालाब में नहाने से सभी प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं। रामकुंड नामक यह तालाब इंदौर-अहमदाबाद रोड पर गोधरा से करीब 15 किलोमीटर दूर टुआ गांव में स्थित है। माना जाता है कि यह स्‍थान रामायण और महाभारत दोनों का गवाह है। यहां 6 पीढ़ियों से भगवान की सेवा कर रहे संत हेमंत गिरि के अनुसार, एक बार शाप के कारण सरबंग ऋषि को कोढ़ हो गया था। भगवान राम को उन्‍हें शाप से मुक्‍त करने के लिए धरती में बाण चलाना पड़ा। इसके प्रभाव से धरती में कई कुंड बन गए। इनमें से किसी कुंड में गरम पानी रहता है तो किसी में ठंडा। यहां बने 108 कुंड में लगातार 5 हफ्ते तक नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। उसके बाद यहां आकर ठीक होने के बाद श्रद्धालु को एक कुंड बनवाना होता है। अनुमान के अनुसार, यहां रोजाना कम से कम 300 से 500 श्रद्धालु कुंड स्‍नान के लिए आते हैं।

श्रावण मास में यहां भक्‍तों की भीड़ और बढ़ जाती है। यह कुंड वैज्ञानिकों के लिए भी चुनौती बन चुके हैं। अभी तक कोई इन कुंडों के बारे में ठीक से पता नहीं लगा पाया है। हैरानी इस बात की है कि यहां एक फीट की दूरी पर एक जगह पानी ठंडा है तो दूसरी जगह खौलता हुआ है। माना जाता है कि द्वापर युग में पांडवों ने भी यहां पर स्‍नान किया था, यहां निकट ही भीम के पैरों की भी पूजा होती है।

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