अपराधउत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंगराज्यराष्ट्रीय

एमजे अकबर के सवाल पर बोलीं स्मृति, वो सफाई दें, जिन पर आरोप है

नई दिल्ली : विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर का नाम आने और विपक्ष की ओर से उनका इस्तीफा मांगे जाने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और शिवसेना सांसद संजय राउत समेत कई नेता उनके बचाव में उतर आए हैं| ईरानी ने कहा कि वो किसी की तरफ से नहीं बोल रही हैं, लेकिन इस मामले से जुड़े व्यक्ति को अपनी बात रखनी चाहिए. उधर, संजय राउत ने कहा कि 10 से 20 साल के बाद जो बात सामने आ रही है, उसमें उनका बयान लिया जाना चाहिए| स्मृति ईरानी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “जो सज्जन व्यक्ति इस मामले से जुड़े हैं, उन्हें अपनी बात लोगों के सामने रखनी चाहिए| उनकी महिला सहयोगी को मीडिया सामने ला रही है, मैं इसकी तारीफ करती हूं| मैं उम्मीद करती हूं कि जो महिलाएं अपनी बात सामने ला रही हैं, उन्हें इंसाफ जरूर मिलना चाहिए| संजय राउत ने शिकायतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 10-20 साल के बाद शिकायत करना ठीक नहीं है| उन्होंने कहा कि शेक्सपियर का जो सेंटेंस था कि जस्ट यू टू, वो हिंदुस्तान में मी टू हो गया है| इसमें कितने लोग बलि चढ़ेंगे इस पर कोई कुछ नहीं कह सकता| चाहे राजनीति हो यहा साहित्य या बॉलीवुड हो या पत्रकारिता, जो भी हो रहा है, महिलाओं की रक्षा होनी चाहिए. हमारा धर्म हमारा संस्कार है| एमजे अकबर पर जो भी फैसला लेना है, सरकार को लेना है| आखिरी फैसला जो भी करना है, प्रधानमंत्री मोदी को करना है| इससे पहले इस मामले में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामदास अठावले, और बीजेपी नेता रीता बहुगुणा जोशी ने भी एम जी अकबर का समर्थन किया| अठावले और MeToo कैंपेन का विरोध किया है, और कहा है कि 10-15 साल बाद आरोप लगाने का क्या आशय है| अठावले ने कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए, अकबर का भी पक्ष सुना जाना चाहिए| रीता बहुगुणा जोशी ने कहा है कि यह इस्तीफे का सवाल नहीं है| सवाल किसी पर लगाए गए आरोपों को साबित करने का है| हर महिला को आरोप लगाने का हक है और इसकी जांच भी होनी चाहिए| महिलाओं ने अपनी बात रख दी है, पुरुषों को भी अपना पक्ष रखने का हक है|

Related Articles

Back to top button