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करणी सेना की क्षत्रिय जवानों से अपील, पद्मावत के विरोध में छोड़ें मेस का खाना

सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद पद्मावत फिल्म का विरोध कर रही करणी सेना चाहती है कि आर्मी के जवान भी अब देश को नहीं अपनी जाति को प्राथमिकता दें। करणी सेना प्रमुख महिपाल सिंह ने भारतीय सेना के क्षत्रिय जवानों से संजय लीला भंसाली निर्देशित पद्मावत के विरोध में एक दिन के लिए मेस के खाने का बहिष्कार करने को कहा है।करणी सेना की क्षत्रिय जवानों से अपील, पद्मावत के विरोध में छोड़ें मेस का खाना

मकराना ने कहा कि सीमा पर देश की रक्षा करने वाले जवानों को भी रानी पद्मिनी की प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘उनकी (जवानों की) बहनों का सम्मान और गरिमा दांव पर लगी है। उन्हें भी एक दिन के लिए मेस के खाने का बहिष्कार कर एकता दिखानी चाहिए।’ 
जवानों से अपनी अपील में मकराना ने यह भी कहा कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती तो उन्हें एक दिन के लिए हथियार रख देने चाहिए। मकराना ने सेंसर बोर्ड चीफ प्रसून जोशी को राज्य में न आने की चेतावनी दी। करणी सेना के संरक्षक अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कालवी ने भी मकराना का समर्थन किया। कालवी ने कहा, ‘अगर फिल्म बड़े पर्दे पर दिखाई जाती है तो जनता कर्फ्यू लगेगा, लोगों को निर्णय लेना होगा कि वे किसके साथ रहना चाहते हैं।’ 

उग्र हो रहा है विरोध 
राजस्थान में यह विरोध सबसे ज्यादा उग्र रूप ले रहा है। मेहसाणा में फिल्म के विरोधियों ने यात्रियों को बस से उतारकर बस में आग लगा दी। करणी सेना ने कहा कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली ने लोकेंद्र सिंह कालवी को फिल्म देखने के लिए बुलाया है। इसके अलावा सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे को हत्या की धमकी मिली है। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में फिल्म के निर्माताओं का प्रतिनिधित्व किया था। 

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