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चीन में उइगर मुस्लिमों को देशभक्त और वफादार बनाने दी जा रही है ट्रेनिंग

चीन अपने देश के उइगर मुस्लिमों को लेकर हमेशा दुनिया भर की सुर्खियां बटोरता है । इस बार भी उइगर मुस्लिमों के साथ अपने अजीबो गरीब सवैये को लेकर चीन चर्चा में है।चीन उइगर मुस्लिमों को देशभक्त और वफादार बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर चला रहा है। चीनी सरकार ने विशेष ट्रांसफॉर्मेशन कैंप खोले हैं। ये कैंप उइगर मुसलमानों को अपनी सरकार और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार बनाने के लिए खोले गए हैं।

लेकिन इस शिविर में आने वाले उइगर मुसलमान महिला और पुरूष को अपनी मर्जी से नहीं बल्कि जबर्दस्ती पकड़कर लाये जा रहे हैं। इन लोगों की सोच और वफादारी को चीनी सिद्धांत के अनुरूप ढ़ालने के लिए इस शिविर में कम से कम दो महीने तक रखा जाता है। सरकार के मुताबिक यहां चीनी भाषा सीखने, कानून की पढ़ाई करने और रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं ने इसके पीछे चीन के मनमाने रवैये को जिम्मेदार ठहराया है । मानव अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक्टिविस्टों के अनुसार चीनी सरकार उइगर मुसलमानों की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए उन पर जबरन अत्याचार कर रही है।

आश्चर्य की बात ये है कि उइगर मुसलमानों पर पाकिस्तान अपनी सीमा के एकदम नजदीक हो रहे अत्याचार की खबरों पर चुप बैठा है। जबकि भारत में मुसलमानों पर कथित आत्याचार को लेकर वो झूठा प्रचार करता है और दुनिया में हाय तौबा मचाता है।पाकिस्तान ही नहीं अन्य मुस्लिम देश भी इस मुद्दे पर बिल्कुल खामोश हैं ।सिर्फ पश्चिमी मानवाधिकार संगठन ही इस अत्याचार पर आवाज उठाते हैं।

क्यों हैं उइगर मुस्लिमों पर पाबंदी 
चीन ने उइगर मुस्लिमों की धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश कई साल पहले लगा दिया गया था।’कोई भी धर्म कानून से बड़ा नहीं होता’ कहते हुए हाल ही में चीन की सरकार ने वहां की एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। 2014 में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। इससे पहले 2014 में शिनजियांग की सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों के रोजा रखने और मुस्लिम नागरिकों के दाढ़ी बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी। चीन अपनी सोच को लेकर इस कदर कट्टर है कि उसने कई बार अपने बयान में कहा है कि धार्मिक गतिविधियां देश के कानून के तहत ही होनी चाहिए।

शिनजियांग प्रांत में बहुसंख्यक हैं उइगर मुस्लिम 
उइगर मुस्लिम चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में बहुसंख्यक हैं जिन्हे चीन ने स्वायत्त प्रांत घोषित कर रखा है। इस प्रांत की सीमा मंगोलिया और रूस सहित आठ देशों के साथ मिलती है। तुर्क मूल के उइगर मुसलमानों की इस क्षेत्र में आबादी एक करोड़ से ऊपर है और उनकी आबादी बहुसंख्यक है। यहां के इस बहुसंख्यक समुदाय को कम करने के लिन चीन की सरकार ने यहां पर हॉन समुदाय के लोगों को बसाना शुरू किया था। चीन की सरकार ने यहां के ऊंचे पदों पर भी हॉन समुदाय के लगों को बिठा रखा है जिसका नतीजा अब सामने आने लगा है।

उइगर कब-कब हुए अत्याचार के शिकार
– 2008 में शिनजियांग की राजधानी उरुमची में हुई हिंसा में 200 लोग मारे गए जिनमें अधिकांश हान चीनी थे।
– 2009 में उरुमची में ही हुए दंगों में 156 उइगर मुस्लिम मारे गए थे। तुर्की ने इसको एक बड़ा नरसंहार करार दिया था।
– 2010 में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हुई हिंसा।
– 2012 में विमान हाइजैक करने के आरोप में छह उइगर गिरफ्तार किए गए। यह विमान हाटन से उरुमची जा रहा था।
– 2013 में प्रदर्शन कर रहे उइगर मुस्लिमों पर पुलिस ने फायरिंग की जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई।
– 2016 में बीजिंग में एक कार बम धमाके में पांच लोग मारे गए जिसका आरोप उइगरों पर लगा।

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