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देश की दो बड़ी कंपनियों में जंग, लगा जबरन अधिग्रहण का आरोप

देश की आईटी इंडस्‍ट्री में इन दिनों एक अनोखी जंग छिड़ी हुई है. दरअसल,  देश की दिग्गज कंपनियों में शामिल लार्सन एंड टुब्रो (L&T) पर एक अन्‍य आईटी कंपनी माइंडट्री (Mindtree) के जबरन अधिग्रहण की कोशिश का आरोप लगा है. यह आरोप माइंडट्री के मैनेजमेंट ने लगाया है. एलएंडटी पर आरोप है कि कंपनी ने मैनेजमेंट के जरिए नहीं बल्कि सीधे शेयरधारकों के जरिए अधिग्रहण का प्रयास किया है.

कारोबार की भाषा में इसे होस्टाइल टेकओवर कहते हैं. इसका मतलब यह होता है कि कंपनी को खरीदने के लिए उसके मैनेजमेंट से बिना बात किए सीधे शेयरहोल्डर्स से डील किया जा रहा है. इस टेकओवर में कई बार खरीददार टारगेट कंपनी के मैनेजमेंट को बदलने की भी कोशिश करता है लेकिन कंपनी का मैनेजमेंट इस टेकओवर का विरोध करता है.

एलएंडटी की 67  फीसदी हिस्‍सेदारी  

वैसे तो किसी भी कंपनी में फाउंडर या मैनेजमेंट की हिस्‍सेदारी शेयरहोल्‍डर्स से अधिक होती है लेकिन एलएंडटी की ओर से माइंडट्री का 67 प्रतिशत हिस्सेदारी की खरीद का प्रस्‍ताव है. यह प्रस्‍ताव 10,800 करोड़ रुपये का है. यह देश के सूचना प्रौद्यागिकी क्षेत्र में पहला शत्रुतापूर्ण किया गया अधिग्रहण होगा.

इसके तहत एलएंडटी ने कैफे कॉफी डे के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ की माइंडट्री में 20.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक समझौता किया है. यह सौदा 3,269 करोड़ रुपये नकद में होगा. इसके अलावा उसने ब्रोकरों को माइंडट्री की 15 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी खुले बाजार से खरीदने के लिए कहा है.

इसके लिए कंपनी लगभग 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी. वहीं 31 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 5,030 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है. इसके लिए कंपनी प्रति शेयर 980 रुपये का भुगतान करेगी इस तरह माइंडट्री में एलएंडटी लगभग 67 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण करने के लिए कुल 10,800 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी.

क्‍या कहना है माइंडट्री का

एलएलंटी के कथित तौर पर जबरन अधिग्रहण को लेकर माइंडट्री के मैनेजमेंट का आरोप है कि यह कंपनी के लिए गंभीर खतरा है.  मैनेजमेंट ने कहा कि एलएंडटी द्वारा जबरन किए जाने वाले अधिग्रहण का प्रयास हमारे उद्योग क्षेत्र की अप्रत्याशित घटना है. हमने अब तक जो प्रगति की है यह उसे बरबाद कर देगा और हमारे संगठन को बहुत पीछे ले जाएगा. मैनेजमेंट के मुताबिक इस लेनदेन में हमें कोई रणनीतिक लाभ नहीं दिख रहा है.

यह अधिग्रहण कंपनी के मूल्य में गिरावट लाएगा जिससे सभी शेयरधारक प्रभावित होंगे. मैनेजमेंट में कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन कृष्णकुमार नटराजन, सह-संस्थापक सुब्रतो बागची, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोस्टो रैवनन और कार्यकारी उप चेयरमैन एवं मुख्य परिचालन अधिकारी पार्थसारथी एन. एस. शामिल हैं.

एलएलंडटी की क्‍या है योजना

माइंडट्री के अधिग्रहण के बाद एलएंडटी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. एन. सुब्रहमणयन ने कहा कि हमने अभी विलय करने के बारे में सोचा नहीं है. फिलहाल इसे एक स्वतंत्र कंपनी के तौर पर ही चलाया जाएगा. दोनों कंपनियां शेयर बाजार में अलग-अलग सूचीबद्ध रहेंगी.  यह अधिग्रहण वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में पूरा होने की संभावना है.

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