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बेगूसराय से कन्हैया कुमार ने दर्ज किया नामांकन गिरिराज से है टक्कर

नई दिल्ली : जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट पर आज आपना नामांकन दाखिल किया। सीपीआई ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है। बेगूसराय सीट पर कन्हैया कुमार का मुकाबला बीजेपी के गिरिराज सिंह और आरजेडी के तनवीर हसन से है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र भरा था। इस सीट पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह, आरजेडी के तनवीर हसन और सीपीआई के कन्हैया कुमार के बीच मुख्य मुकाबला है। कन्हैया कुमार के नामांकन कार्यक्रम में फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर सहित कई दिग्गज शामिल हुए। जीरो माइल में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कन्हैया रोड शो की शुरूआत की।

नामांकन कार्यक्रम में स्वरा भास्कर के अलावा जेएनयू के छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस, साहित्यकार तिस्ता शीतलवार, डॉ. राय बिन्दु, गुजरात बडगांव के विधायक जिग्नेश मेवानी, गुरमेहर कौर, शेहला रशीद के अलावा कई नामचीन लोगों ने शिरकत की। इससे पहले सोमवार को कन्हैया ने कहा कि धन्नासेठों को अरबों रुपये का कर्ज लेकर विदेश भागने की छूट देने वाले लोग आज लोकतंत्र व संविधान को बचाने का संघर्ष कर रहे लोगों के खिलाफ साजिशें रच रहे हैं। बेगूसराय में एक भी विश्वविद्यालय नहीं होना। कई कारखानों के बंद होने जैसी कई समस्याएं हैं। कन्हैया ने कहा कि आज जब मोदी सरकार के तमाम जुमलों की असलियत जनता के सामने आ गई है तो भाजपा में बैखलाहट सामने दिखने लगी है। बौखलाहट और दमन का नतीजा है कि सैकड़ों लेखक, रंगकर्मियों, बुद्धीजीवियाकें ने देश को मौजूदा सरकार की नफरत की राजनीति से बचाने की अपील की है।

आपको बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने 2016 जेएनयू राजद्रोह मामले में छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति पर फैसला लेने के लिए सरकार को 23 जुलाई तक का समय दिया है। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने दिल्ली सरकार को समय दिया, जिसने पहले अदालत से कहा था कि अनुमति देने के लिए किसी फैसले तक पहुंचने में एक महीने से अधिक का समय लग सकता है। पुलिस ने इस साल 14 जनवरी को कन्हैया कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वह 9 फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में हुए समारोह में निकाले गए जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने राजद्रोही नारों का समर्थन किया था।

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