करिअर

बोइंग 777 उड़ाने वालीं दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पायलट बनी फौजी की बेटी…

बोइंग 777 उड़ाने वालीं दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पायलट एनी दिव्या को हाल ही में पेशेवर नेटवर्क लिंक्डइन की वैश्विक प्रभावशाली हस्तियों की सूची में शामिल हो गई। दिव्या भारतीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं के जिस प्रतिष्ठित समूह का हिस्सा बनी हैं वह लिंक्डइन के प्रभावशाली लोगों से जुड़े कार्यक्रम का एक हिस्सा है।

इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिल गेट्स, प्रियंका चोपड़ा, ओफ्रा विनफ्रे, सचिन तेंदुलकर और किरण मजूमदार शॉ समेत अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल हैं। लिंक्डइन ने विज्ञप्ति में कहा, ‘लिंक्डइन की प्रभावशाली शख्सियत के रूप में आज वह दुनिया भर में लिंक्डइन के 61 करोड़ सदस्यों और भारत में 5.5 करोड़ सदस्यों के साथ अपनी कहानी साझा कर सकती हैं कि कैसे उन्होंने पुरुष – प्रधान पेशे में सफल होने के लिए सामाजिक और भाषायी बाधाओं तथा पारिवारिक दबाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी।’

दिव्या ने 2017 में बोइंग 777 विमान उड़ाकर इतिहास रचा था। वह बोइंग उड़ाने वाली सबसे युवा पायलट बनी थी। लिंक्डइन इंडिया के कंट्री प्रमुख महेश नारायणन ने कहा, ‘एनी दिव्या के पास एक मजबूत आवाज है जो कि हमारे सदस्यों को अपनी ‘डूीम जॉब’ के लिए प्रेरित करेगी। हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं , ऐसे हम लिंक्डइन पर प्रभावशाली हस्ती के रूप में उनके शामिल होने का स्वागत करते हैं।’

दिव्या ने लिंक्डइन पर अपनी पहली पोस्ट में साझा किया था कि कैसे उनके सपोर्ट सिस्टम ने उन्हें अपने सपनों की नौकरी की दिशा में आगे बढ़ने में मदद की और कैसे दृढ़ता और कड़ी मेहनत ने उन्हें सफलता तक पहुंचाया। विमानन क्षेत्र एक पुरुष प्रधान उद्योग है। दिव्या ने कहा कि विमानन क्षेत्र और उन क्षेत्रों जहां महिलाएं काम नहीं करती हैं , उनमें जागरूकता बढ़ाने के लिए बहुत काम करना होगा।

हाल ही में Humans Of Bombay ने एक पोस्ट शेयर की है। ये पोस्ट दिव्या के बारे में है, जिसमें दिव्या ने ख़ुद अपने पायलट बनने की कहानी बयां की है। पोस्ट के मुताबिक, दिव्या के पापा के सेना में थे और उनकी फ़ैमिली पठानकोट में रहा करती थी, लेकिन बाद वो लोग विजयवाड़ा शिफ़्ट हो गए। दिव्या कहती हैं कि उनकी शिक्षा एक ऐसे स्कूल में हुई, जहां इंग्लिश और हिंदी दोनों में पढ़ना-लिखना सिखाया जाता था। हांलाकि, वहां अंग्रेज़ी का इस्तेमाल कम ही किया जाता था। आगे दिव्या ने बताया कि 9वीं कक्षा के दौरान एक टीचर ने उन्हें 10 वो चीज़ें लिखने के लिये कही, जो उसे से जीवन चाहिए थी। वहीं दिव्या ने भी असाइनमेंट को काफ़ी गंभीरता से लिया और इस सूची में उन्होंने पहली इच्छा पायलट बनने की जताई, तो दूसरा वकील बनना था।

पर पायलट बनने के लिये दिव्या को हर सबजेक्ट में कम से कम 90 प्रतिशत से अधिक का स्कोर चाहिए और जैसे ही उन्हें ये बात चली वो शिद्दत से पढ़ाई में जुट गई, इसके बाद लगभग हर विषय में 100 नबंर हासिल किये। फ़िलहाल अब समय आ चुका था, दिव्या को फ़्लाइट स्कूल में भेजने का, पर ये सब उनके माता-पिता के बिल्कुल आसान नहीं था। क्योंकि उनके परिवार की वित्तीय हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि बिना किसी दवाब के दिव्या को आगे की पढ़ाई के लिये भेजा जा सके। इन सबके बावजूद दिव्या के पापा ने बैंक लोन और दोस्तों से उधार लेकर किसी तरह उन्हें फ़्लाइट स्कूल में भेजा।

घरवालों की मदद से दिव्या फ़्लाइट स्कूल, तो पहुंच गई, लेकिन आगे का सफ़र और मुश्किल नज़र आने लगा। दरअसल, दिव्या की इंग्लिश बाकि छात्रों की तरह नहीं थी, इसलिये हर कोई उसका मज़ाक उड़ाता था। हांलाकि, इन सारी चीज़ों से भगाने के बजाये दिव्या ने सबका सामना किया और वो बन कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।

वहीं डिग्री मिलते ही दिव्या को नौकरी मिल गई और पायलट लाइसेंस भी। शायद पूरी कायनात दिव्या को उसके सपनों तक पहुंचाने में लगी थी, वरना पायलट लाइसेंस मिलने से पहले किसी को नौकरी नहीं मिलती, लेकिन दिव्या के केस में ऐसा हुआ और 19 साल की उम्र में वो पायलट का ख़िताब ले चुकी थी। वहीं स्पेन में प्रशिक्षण लेने के बाद वो पहली अधिकारी बन गई। नया शहर, नये लोग, सीमित समय और काम के बाद घर की खाली दिवारें, ये सब दिव्या को काफ़ी परेशान करता था। पर वो अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटी और लगातार ख़ुद को मोटिवेट करती रही।

इसके बाद दिव्या का अगला टारगेट वकील बनना था और मुंबई आते ही एलएलबी का कोर्स करने लगी। कभी-कभी दिव्या की फ़्लाइट 2 बजे लैंड करती और वो 6 बजे एलएलबी की क्लास लेने के लिये तैयार रहती थी। इस लड़की के अंदर हर वो चीज़ सीखने का जुनून और ख़्वाहिश थी, जिससे उसे लगाव था।

सारी मुश्किलों को पार कर अपने लक्ष्य तक पहुंचने वाली दिव्या ने सारे लोन चुकाये। इसके साथ ही अपने भाई-बहनों की पढ़ाई का ख़र्च भी उठा रही और देश के साथ-साथ अपने मम्मी-पापा का नाम रौशन कर, उन्हें हवाई जहाज़ से दुनिया की सैर कर रहा रही हैं।

Related Articles

Back to top button