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भारत के कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा तिमाही नुकसान हुआ Vodafone-Idea को हुआ…

देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी Vodafone Idea को वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा हुआ है। रिलायंस Jio के टेलिकॉम सेक्टर में कदम रखने के बाद टेलिकॉम कंपनियों के बीच चल रहे प्राइस वॉर की वजह से प्रतिद्वंदी कंपनियों को भारी वित्तीय घाटा उठाना पड़ रहा है। 30 सितंबर को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में कंपनी को नेट 50,922 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।

कंपनी का तिमाही घाटा भारत के इतिहास में अब तक का सबसे खराब नुकसान है। इससे पहले, टाटा मोटर्स ने 2018 की दिसंबर तिमाही में 26,961 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। परिचालन से वोडाफोन आईडिया की आय 22,114 करोड़ रुपये से घटकर 10,844 करोड़ रुपये रह गयी

साल की शुरुआत में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा उठाना पड़ा था। पिछली तिमाही में कंपनी को इतना बड़ा घाटा, पिछले महीने आए माननीय सुप्रीम कोर्ट के AGR Verdict के बाद उठाना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के एजीआर फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया के साथ ही भारती एयरटेल को भी दूसरी तिमाही में भारी घाटा हुआ है। कंपनी को दूसरी तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है।

आपको बता दें कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए AGR Verdict में टेलिकॉम कंपनियों को सरकार के बकाये 92,641 करोड़ रुपये के भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। इस फैसले में भारती एयरटेल को 21,700 करोड़ रुपये, जबकि वोडाफोन-आइडिया को 28,300 करोड़ रुपये के भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने टेलिकॉम सेक्टर से निकल चुके 10 कंपनियों को भी बकाया राशि को भुगतान करने के निर्देश दिए थे। इस तरह कुल मिलाकर सरकार को टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से 92,641 करोड़ रुपये के भुगतान चुकाने के निर्देश दिए गए थे।

30 सितंबर को समाप्त हुई तिमाही में Vodafone Idea का ये वित्तीय घाटा साल-दर-साल कमाए गए कुल राजस्व 10,844 करोड़ रुपये के 10 गुना के बराबर है। पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी कुल राजस्व 11,270 रहा था। वोडाफोन-आइडिया ने अपनी ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के तीन सप्ताह बाद जारी की है। सुप्रीम कोर्ट टेलिकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग के बीच चल रहे 14 साल पुराने इस विवाद का फैसला पिछले महीने ही दिया था।

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