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यमुना के मायके में ही प्यासे हैं लोग, नदी से 300 मीटर दूर सूख गए नल


देहरादून : उत्तराखंड के यमुना घाटी में जहां पानी ही पानी है वहां आज भी घरों के नल खाली और सूखे पड़े हैं। यमुनोत्री धाम के पास नौगांव क्षेत्र में जहां यमुना बह रही है वहीं नौगांव वासियों को पानी नसीब नहीं है। उत्तरकाशी ज़िले का नौगांव नगर पंचायत क्षेत्र ठीक यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है लेकिन पर्याप्त पानी होने के बावजूद भी लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. घरों के नल पिछले काफी समय से सूखे पड़े हैं लेकिन आज भी इन घरों में जलसंस्थान द्वारा पानी की नियमित सप्लाई नहीं दी जा सकी है। ऊंचे-ऊंचे और बड़े मंचों पर पलायन और पेयजल संकट को दूर करने को अक्सर नेताओं के जुबान से पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी जैसा वाक्य ज़रूर सुना जाता है लेकिन आज तक पहाड़ के पानी से पहाड़ के लोगों की प्यास बुझाने को ठोस योजना नहीं बन पाई है।

नौगांव इसका ज्वलंत उदाहरण है, जहां स्थानीय लोग प्यास बुझाने के लिए सुबह ही टैंकर की इंतज़ार में लाइन में लगने लगते हैं। गृहणियां तो पानी की किल्लत से परेशान हैं ही, स्कूली बच्चों का समय भी इस जल संकट खा रहा है।नौगांव यमुना नदी से सिर्फ़ 300 मीटर की दूरी पर स्थित है। स्थानीय जनप्रतिनिधि यमुना नदी से अपलिफ्ट कर नगर क्षेत्र में पानी सप्लाई की मांग लम्बे समय से करते रहे हैं, इस पर पहले भी विभाग से लेकर पेयजल मन्त्रालय तक हामी भर चुके हैं, लेकिन आज तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है। नौगांव नगर क्षेत्र यमुनोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालुओं का भी अहम पड़ाव है और यात्रा काल में हज़ारों श्रद्धालु नौगांव से गुज़रकर यमुनोत्री धाम पहुंचते हैं लेकिन पेयजल किल्लत के चलते यात्री नौगांव में रुकना भी पसंद नहीं करते।

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