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सत्ता के लिए था ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा : सोनिया गाँधी

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी का 84वां महाधिवेशन चल रहा है, पहले दिन सबसे अंत में सोनिया गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय में कमान संभाली है। कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि कहीं एक राजनीतिक सोच है, क्योंकि इसमें लोगों को सम्पूर्ण भारतीयता की तस्वीर दिखाई देती है। उपचुनाओं में जीत पर सोनिया ने कहा कि ‘गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश में हाल के प्रदर्शन से पता चलता है कि जो लोग हमें देश की राजनीति से मिटा देना चाहते थे, उन्हें अंदाजा लग गया कि कांग्रेस पार्टी के लिए लोगों के दिलों में कितनी जगह है। ‘राजनीति में प्रवेश का करण आप सभी जानते हैं, परिस्थियों ने मुझे सार्वजनिक जीवन में आने के लिए प्रेरित किया, एक ऐसी दुनिया में जहां मैं कभी नहीं आना चाहती थी, जब मुझे लगा कि पार्टी खतरे में है, बुनियाद कमजोर हो रही है, तब कार्यकर्ताओं के भावनाओं की कद्र करते हुए पार्टी की कमान संभाली। सोनिया ने कहा ‘कार्यकर्ता हर तरह के अत्याचार झेलकर काम कर रहे हैं। राज्य सरकारों के अपराधों, अनियमितताओं को उजागर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ही है कि हर हाल में लोगों से जुड़े रहती है। यह कांग्रेस पार्टी ही है जो अन्याय के खिलाफ लगातार लड़ती रहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि 2014 में जिसने कहा सबका साथ सबका विकास, न खाऊंगा, न खाने दूंगा, वह सब फेल हो चुके हैं, सब कुर्सी हथियाने की चाल थी। राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस का सबसे अधिक योगदान है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि ‘कांग्रेस का प्रभावशाली, शानदार इतिहास का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। हम सभी के सामने जो चुनौतियां हैं वह मामूली नहीं है, सबको साथ मिलकर काम करना होगा। भारत बनाने के लिए हर संघर्ष करेंगे, कांग्रेस को कामयाबी की बुलंदी पर लेकर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि ‘पिछले 4 वर्षों में, इस अहंकारी सरकार ने कांग्रेस को नष्ट करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा है, लेकिन कांग्रेस कभी खत्म नहीं होती और यह कभी भी खत्म नहीं होगा। मोदी सरकार कमजोर हो गई है, वह यूपीए की चलाई योजनाओं की अनदेखी कर रही हैं। कार्यकर्ताओं से कहा कि ‘आप सभी जानते हैं कि मैंने सार्वजनिक क्षेत्र में किस तरह की परिस्थितियों में प्रवेश किया था, लेकिन जब मुझे एहसास हुआ कि पार्टी कमजोर है, तो कांग्रेसियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैंने राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया। इतिहास को याद करते हुए कहा ’40 साल पहले चिकमंगलूर में इंदिरा जी की आश्चर्यजनक जीत ने भारतीय राजनीति को पलट कर रख दिया, कांग्रेस एक बार फिर शक्तिशाली पार्टी बनकर उभरी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर एक बार फिर ऐसा शानदार प्रदर्शन हो, जिससे देश की राजनीति को एक नई दिशा मिले।

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