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सबसे ज्यादा लखनऊ में देर से चलती हैं रेलगाड़ियां

लखनऊ : उत्तर रेलवे और उत्तर पूर्व रेलवे के लखनऊ डिविजन की हालत सबसे खराब है। 95 प्रतिशत समय की पाबंदी के लक्ष्य की अपेक्षा लखनऊ डिविजन में देश से सबसे कम 60.97 प्रतिशत पाबंदी ही देखी जा सकती है। इसका मतलब है 10 में से 4 ट्रेनें या तो देर से आती हैं या जाती हैं। रेलवे बोर्ड ने हाल ही में यह रिपोर्ट जमा की है। उत्तर रेलवे के लखनऊ डिविजन से हर दिन 400 ट्रेनें गुजरती हैं जिनमें से 300 ट्रेनें लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से निकलती हैं। इनमें से औसतन 120 ट्रेनें 2017-18 के दौरान हर दिन शेड्यूल से पीछे रहीं। इसी तरह 250 ट्रेनें उत्तर पूर्व रेलवे के लखनऊ डिविजन से गुजरती हैं जिनमें से 125 लखनऊ जंक्शन से निकलती हैं। इनमें से 110 ट्रेनें शेड्यूल से पीछे रहती हैं। ट्रेनों के लेट होने के पीछे बड़ा कारण पुराने ट्रैक्स हैं। ट्रैक्स की संख्या भी काफी कम है। पुराने होने के ट्रैक्स को अक्सर मरम्मत की जरूरत पड़ती है। ऐसे में किसी और ट्रैक से ट्रेन निकाल पाने का विकल्प न होने पर ट्रेनों को रोकना पड़ता है। लखनऊ स्टेशन पर कम प्लैटफॉर्म होना भी ट्रेनें लेट होने का एक कारण है। अधिकारियों का कहना है कि कम ट्रैक और प्लैटफॉर्म होने से ट्रेनें या तो धीमी चलती हैं या रोकनी पड़ती हैं। उत्तर रेलवे डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर सतीश कुमार का कहना है कि चारबाग स्टेशन के विस्तार का काम चल रहा है और इससे जल्द ही ट्रेनें सही समय पर चल सकेंगी। उत्तर पूर्व रेलवे के लखनऊ डिविजन की विजयलक्ष्मी कौशक ने बताया है कि स्टेशन्स के बीच में बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए अधिक अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।

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