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काउंसलिंग में कोचिंग एवं प्रशिक्षण केन्द्र की भूमिका जरुरी

लखनऊ। सोसायटी ऑफ कॅरियर टेक्नोलॉजी (सोक्ट) के तत्वाधान में आज यहां प्रेस क्लब में शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में कोचिंग एवं प्रशिक्षण संस्थानों की भूमिका एवं सहभागिता विषय पर हुयी परिचर्चा में कोचिंग एवं प्रशिक्षण संस्थानों में बच्चों के भविष्य की लकीरें होती है, ऐसे में सफल लोगों के बजाय असफल छात्रों के प्रति और अधिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है, ऐसे छात्रों के लिये विशेष रूप से तनाव एवं कॅरियर काउन्सिलिंग करने की जरूरत है, ताकि वह निराशा के भाव से निकल कर आगे बढ़ सके। परिचर्चा के दौरान मुख्य वक्ता कौशल विकास मिशन उत्तर प्रदेश के उपनिदेशक एवं कॅरियर काउन्सलर डा.डीके वर्मा ने कहा कि आज के दौर में बच्चों एवं युवाओं पर बढ़ते शिक्षा एवं कॅरियर के दबाव को देखते हुये हर स्तर पर काउन्सिलिंग की जरूरत है, और इसमें कोचिंग एवं प्रशिक्षण केन्द्र की भूमिका अह्म हो सकती है।
सोक्ट ने आयोजित की कोचिंग एवं प्रशिक्षण संस्थानों की भूमिका पर परिचर्चा
कोचिंग संस्थानों को लेकर श्री वर्मा ने कहा कि वह सिर्फ शिक्षण संस्थान की भूमिका ही नहीं निभाते बल्कि वह एक समाज का हिस्सा भी है। विशिष्ट वक्ता एवं काउन्सलर डा.अगम दयाल ने कहा कि आज के समय की मांग है कि सभी पारम्परिक शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रतियोगी परीक्षाओं की ट्रेनिंग देने वाले संस्थान एवं कोचिंग संस्थान एकसाथ जुड़कर नई पीढ़ी को सही शिक्षा एवं प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करें। एनआरटी इण्डिया के अखिलेश्वर पाण्डेय ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान शिक्षा पद्धति युवा पीढ़ी की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है अतः इसमें आमूल चूल परिवर्तन की आवष्यकता है। इससे पहले विन्देश्वरी तिवारी के संचालन में परिचर्चा का शुभारम्भ संस्था के महासचिव पंकज तिवारी ने सोसायटी ऑफ कॅरियर टेक्नोलॉजी सोक्ट की गतिविधियों की प्रस्तुति के साथ किया। परिचर्चा के दौरान वीएनडी की नीरजा श्रीवास्तवा, कोटा स्टडी फोरम के अभिषेक जायसवाल, ध्रुव ट्यूटोरियल के आलोक उपाध्याय, विवेक श्रीवास्तव, लखनऊ जनविकास महासभा के अध्यक्ष एसके बाजपेई, रमेश प्रसाद अवस्थी-एडवोकेट, रिंकू पाण्डेय, अभा गौ रक्षा महासंघ के कलीम भारतीय, राम किशन साहू सहित कई लोग मौजूद थे।

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