नई दिल्ली। अगर जनता किसी सांसद और विधायक के काम से खुश नहीं है तो उसे अपने जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का भी अधिकार होगा। जी हां, संसद में एक ऐसा ही विधेयक पास होने जाने जा रहा है। इस निजी विधेयक को लोकसभा में बीजेपी सांसद वरुण गांधी की ओर से लाया जा सकता है।
वरुण गांधी ने कहा-इस सिद्धांत का पालन दुनिया के कई देश करते हैं
इस विधेयक के अनुसार, अगर क्षेत्र की 75 प्रतिशत जनता पने सांसद और विधायक के काम से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें निर्वाचन के दो साल बाद वापस बुलाया जा सकता है। इसपर वरुण गांधी ने कहा कि तर्क और न्याय के तहत अगर लोगों को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार होता है तो उन्हें यह भी अधिकार होना चाहिए कि वे कर्तव्य का निर्वाह नहीं करने या गलत कार्यों में लिप्त होने वाले अपने प्रतिनिधि को वापस बुला सकें।
इस सिद्धांत का पालन दुनिया के कई देश करते हैं। इन्ही देशों का हवाला देते हुए वरुण गांधी ने कहा कि लोकसभा सांसद ने जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन के जरिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम संशोधन विधेयक 2016 का प्रस्ताव दिया है।
इस विधेयक के अनुसार अगर क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या के एक चौथाई मतदाता अपने प्रतिनिधि से खुश नहीं हैं और एक याचिका हस्ताक्षर कराकर लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर करके शुरू की जा सकती है। हस्ताक्षर की प्रमाणिकता की जांच करके लोकसभा अध्यक्ष उक्त याचिका को पुष्टि के लिए चुनाव आयोग के समक्ष भेजेंगे।
इस निजी विधेयक में कहा गया है कि आयोग हस्ताक्षरों की पुष्टि करेगा और सांसद या विधायक के क्षेत्र में 10 स्थानों पर मतदान कराएगा। अगर तीन चौथाई मत जन प्रतिनिधि को वापस बुलाने के लिए पड़े तब उक्त सदस्य को वापस बुलाया जाएगा। परिणाम मिलने के 24 घंटे के अन्दर ही अध्यक्ष अधिसूचना जरी करेंगे और उस प्रतिनिधि को हटा दिया जायेगा। और बाद में चुनाव कराये जाएंगे।