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अखिलेश ने खोला राज, कब डांटते हैं मुलायम?

akhilesh-yadav-56c21aca4bec0_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/सीएम अखिलेश यादव ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही यह बता दिया कि नेताजी मुलायम सिंह यादव के निर्देश हमें मानने पड़ते हैं और कभी-कभार डांट भी देते हैं। उनका निर्देश मिला और हम चले आए। हालांकि मुलायम सिंह यादव इस कार्यक्रम क्यों नहीं आए..? इसका जिक्र उन्होंने नहीं किया। हालांकि डीपीएस आगरा रोड के प्रमुख पवन जैन ने अपने संबोधन में इतना इशारा जरूर किया कि नेता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था इसीलिए वह नहीं आए।

सीएम ने कहा कि उनका कार्यक्रम अचानक बना। उनकी ये बात अक्षरश: सही थी क्योंकि उनका आना बेहद जल्दबाजी भरा रहा। फिर भी वह दो घंटे रुके। मगर पूरे समय खुद सीएम जल्दबाजी में दिखे। आलम यह था कि सम्मानित करने वालों को खुद बार-बार हाथ का इशारा देकर बुलाते रहे और आगे बढ़ाते रहे।

सकल जैन समाज द्वारा यह कार्यक्रम सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के नागरिक अभिनंदन का था। मगर दुपहर में 10.30 बजे कार्यक्रम स्थल पर यह पता चला कि सपा सुप्रीमो नहीं आ रहे। कुछ ही देर में साफ हुआ कि मुख्यमंत्री आ रहे हैं। यह स्पष्ट होते ही पुलिस प्रशासनिक अमला और ज्यादा सतर्क हो गया। दोपहर 12.55 बजे मुख्यमंत्री का हैलीकॉप्टर कार्यक्रम स्थल के ऊपर दिखाई दिया।

मंगलायतन के पीछे बने हैलीपेड पर उतरने के बाद वह नवनिर्मित भवन का मुआयना करते हुए सही 1.30 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। इस दौरान पवन जैन, आईजी दुर्गाचरण मिश्रा, डीआईजी गोविंद अग्रवाल, डीएम हाथरस शमीम अहमद, एसपी हाथरस डॉ.अजयपाल ने उनकी अगवानी की। यहां मुख्यमंत्री ने पुलिस गारद की सलामी भी ली।

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद सबसे पहले गोपालदास नीरज जी सहित वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की। इसके बाद 1.45 बजे मंच पर पहुंचने के बाद सम्मान पाया। एक घंटे के कार्यक्रम के बाद 2.50 पर मंच से वापस चल दिए और 3 बजे उनका हैलीकॉप्टर लखनऊ के लिए उड़ गया।

 
 मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आचार संहिता का पूरा पालन किया। अव्वल तो मंच राजनीतिक नहीं था। इसलिए राजनीतिक बातें होने की उम्मीद कम ही थी। फिर भी इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री ने बहुत कुछ कह दिया। उपलब्धियां भी गिनाईं और वायदा भी किया। इन्हीं उपलब्धियों के दम पर अकेले आगे चुनाव लड़ने का ऐलान किया।

मुख्यमंत्री ने अपने तीन साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में आगरा लखनऊ तक देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे, अलीगढ़ सहित प्रदेश में कई बिजली उत्पादन कारखानों की स्थापना, लगातार दो साल का बेहद महत्वाकांक्षी बजट बताया। मुसलिमों सहित प्रदेश के सभी अल्पसंख्यकों का समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ा विश्वासपात्र बताया। साथ ही नागरिक अभिनंदन से गद्गद होकर अंत में यही कहा कि आप जो भी मांगेंगे, वह दिया जाएगा।

विपक्षियों पर भी इशारों में ही किए कमेंट
चाहे जेएनयू मुद्दा हो। या फिर दलितों के प्रति विभिन्न दलों के रुझान की गतिविधियां हों। सभी पर मुख्यमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए इशारों-इशारों पर कमेंट किया। उनका कहना था कि देश में जो बहस छिड़ी है, हम उस पर ध्यान नहीं दे रहे। हम तो गरीबों किसानों पर ध्यान दे रहे हैं। हमारा प्रदेश बहुत बड़ा है। इसलिए हमें इन बातों के लिए फुरसत नहीं है। हां, रहा सवाल भविष्य की राजनीति का तो हम अपने तीन साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों के दम पर चुनाव लड़ेंगे। किसी से समझौता या करार का कोई मतलब नहीं होता।

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