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अयोध्या मामले की सुनवाई अब हफ्ते में 5 दिन होगी, मुस्लिम पक्षकार ने किया विरोध

नई दिल्ली : अयोध्या केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अब शुक्रवार को भी होगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई हफ्ते में तीन दिन के बजाय पांच दिन करने का फैसला किया है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब संवैधानिक बेंच किसी मामले की सुनवाई पूरे पांच दिन करने जा रही है. अभी तक की परंपरा के मुताबिक संवैधानिक बेंच सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही किसी मामले की सुनवाई करती है. मुस्लिम पक्षकारों ने इस फैसले का विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हफ्ते में पांच दिन तक अयोध्या मामले की सुनवाई जारी रखने से दोनों पक्षों के वकीलों को अपनी दलीलें पेश करने का काफी वक्त मिलेगा और जल्द ही इस पर कोई फैसला आ सकेगा. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर ने कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई अब रोजाना की जाएगी.
गौरतलब है कि गुरुवार को सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस भूषण ने रामलला के वकील से तीखे सवाल किए. उन्होंने पूछा कि क्या जन्मस्थान को व्यक्ति माना जा सकता है, जिस तरह उत्तराखंड की हाईकोर्ट ने गंगा को व्यक्ति माना था. इस पर रामलला के वकील ने कहा कि हां, रामजन्मभूमि व्यक्ति हो सकती है और रामलला भी. क्योंकि वो एक मूर्ति नहीं, बल्कि एक देवता हैं. हम उन्हें सजीव मानते हैं. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक सोमवार और शुक्रवार तक संवैधानिक बेंच के जजों को अलग-अलग मामले में बैठाने पर उनका फोकस नहीं रहेगा. जो अयोध्या जैसे मामले में काफी अहम बताया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अयोध्या से जुड़े 20 हजार पेज के दस्तावेजों को पढऩा होगा, जिसमें वक्त लगेगा. ऐसे में हर सोमवार और शुक्रवार को 60 से 70 याचिकाओं की सुनवाई करने से जजों का फोकस डाइवर्ट होगा.

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