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हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही कांग्रेस : CM योगी

उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा भगवान राम और शिव पर दिए गए वक्तव्य पर आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव-2024 में बुरी तरह पराजित हो रही है और हार की इसी खिसियाहट को वह बहुसंख्यक हिंदू समाज की आस्था को अपमानित कर, उसके साथ खिलवाड़ कर व्यक्त कर रही है।

मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद में चुनावी जनसभा के लिए निकलने से पूर्व गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास इस प्रकार के कृत्यों से भरा पड़ा है, लेकिन इन सबके बावजूद चुनाव के समय इस तरह के संवेदनशील मुद्दों को उठाकर कांग्रेस भारत की आस्था के साथ-साथ बहुसंख्यक समाज को अपमानित करने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आपस में बांटों और राज करो, ये कांग्रेस की पुरानी प्रवृत्ति रही है और अंग्रेजों की उस विरासत को ही अब वह आगे बढ़ाने का काम कर रही है। उसने जाति के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर, भाषा के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास किया है और आगे भी लगातार इस प्रकार के कृत्यों को अपना रही है। उसके इलेक्शन मैनिफेस्टो में भी समाज को जातीय आधार पर बांटने का प्रयास किया गया है। देश के अंदर एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकार को वह कैसे अल्पसंख्यकों को बांटने की कुत्सित चेष्टा का हिस्सा बन रही है, इसका स्पष्ट उदाहरण कांग्रेस के घोषणापत्र में नजर आता है। इसीलिए कांग्रेस अपनी हार की खिसियाहट को किसी न किसी रूप में हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कर व्यक्त करना चाहती है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सनातन धर्म की उपासना विधि में राम और शिव दोनों अलग-अलग नहीं हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने स्वयं शिव की उपासना की और रामचरित मानस में देखेंगे तो भगवान शिव ने भी श्रीराम की उपासना की। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। प्रभु राम कहते हैं कि ‘शिवद्रोही मम दास कहावा सो नर मोहि सपनेहु नहि पावा’, यानी यदि कोई भगवान शिव का द्रोही है और वह मेरा दास, मेरा भक्त कहलाने का दंभ पाल रहा है तो मैं सपने में भी उसे प्राप्त नहीं हो सकता। ऐसा ही भगवान शिव भी कहते हैं। स्वाभाविक रूप से कांग्रेस की वास्तविकता सामने आ रही है। भारत की सनातन परंपरा को अपमानित करना, उसको लांछित करना, भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करना, ये कांग्रेस की प्रवृत्ति है और कांग्रेस अध्यक्ष को जो कांग्रेसी संस्कार प्राप्त हुए हैं, वही बात वह अपने भाषणों में कर रहे हैं। वो भगवान राम और भगवान शिव को आपस में लड़ाने का कार्य कर रहे हैं। उनका यह वक्तव्य अत्यंत ही निंदनीय है।

मुख्यमंत्री ने साथ ही ये भी कहा कि हम इस बात को जरूर ध्यान में रखें कि हमारे शास्त्र इस बात का प्रमाण हैं कि शिव का द्रोही हो या राम का द्रोही, उसका पराभव, उसका पतन अवश्य हुआ है। ये कांग्रेस के पतन की एक नई शुरुआत है और कांग्रेस इस प्रकार के स्तरहीन वक्तव्यों को देकर हिंदू आस्था के साथ तो खिलवाड़ कर ही रही है लेकिन अपने कृत्यों से कांग्रेस को इतिहास की वस्तु बनाने की ओर भी कांग्रेस का नेतृत्व उसे धकेल रहा है। मुझे लगता है प्रभु श्रीराम और देवाधिदेव महादेव शिव इनको सद्बुद्धि देंगे कि कम से कम जब कांग्रेस को लोग विसर्जन करने पर तुले ही हैं तो अब तो वह सच का रास्ता अपना ले।

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