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असम में 15 जून तक बढ़ाई गईं पाबंदियां, एक घंटे की दी गई ढील, पहले की तरह ही लागू रहेंगे प्रतिबंध

नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की रफ्तार धीमी जरूर हुई है, लेकिन कई राज्य अभी भी किसी भी तरह का जोखिम उठाने के मूड में नहीं हैं और यही वजह है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद भी कई राज्य लगाई गई पाबंदियों (Restrictions) को आगे बढ़ा रहे हैं. इसी क्रम में असम सरकार (Assam Government) ने कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लगाई गई पाबंदियों को 15 जून तक के लिए बढ़ा दिया है, हालांकि इस बार कर्फ्यू में एक घंटे की ढील भी दी गई है.

असम के मुख्य सचिव जिश्नु बरुआ ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में पाबंदियों को आगे बढ़ाने संबंधी आदेश जारी किया. ये पाबंदियां शनिवार सुबह पांच बजे समाप्त होने वाली थीं. उन्होंने बताया कि राज्य में दोपहर 12 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहने वाला कर्फ्यू अब दोपहर 1 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा और इस दौरान लोगों के आने-जाने पर पूरा प्रतिबंध रहेगा. सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान (Commercial Establishments) दोपहर 12 बजे के बाद बंद रहेंगे.

इसी के साथ, सभी रेस्टोरेंट, ढाबों और अन्य भोजनालयों को दोपहर 12 बजे तक ही खोले जाने की और दोपहर 1 बजे तक टेकअवे की अनुमति होगी, हालांकि उसके बाद खाने की केवल होम डिलीवरी की ही इजाजत होगी. सभी अंतर-जिला परिवहन सेवाएं (Inter-district transport services) और अन्य जिलों से आने-जाने वालों पर रोक रहेगी. आदेश में ये भी कहा गया है कि पहले के लगाए गए अन्य सभी प्रतिबंध, जिनमें वाहनों के चलने के लिए एक ऑड-इवन फॉर्मूला, गांवों और शहरों में कंटेनमेंट जोन्स की घोषणा शामिल हैं, राज्य भर में लागू रहेंगे.

असम में अब तक कोरोना के 4,28,913 मामले दर्ज

राज्य में सरकारी वाहनों को छोड़कर और पहले के आदेश से छूट प्राप्त सभी वाहन ऑड-ईवन फॉर्मूले के अनुसार चल रहे हैं, लेकिन ये प्रतिबंध किसी भी तरह की इमरजेंसी में इस्तेमाल किए जाने वाले प्राइवेट वाहनों पर लागू नहीं है. इससे पहले, राज्य सरकार ने 12 मई को निर्देश दिया था कि सभी कार्यालय, धार्मिक स्थल और साप्ताहिक बाजार 15 दिनों के लिए बंद रहेंगे, जबकि लोगों के आने-जाने पर दोपहर 2 बजे से सुबह 5 बजे तक पूरा प्रतिबंध लगाया गया था. असम में अब तक कोरोना संक्रमण के 4,28,913 मामले सामने आ चुके हैं और 3,577 लोगों की मौत हो चुकी है.

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