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आज आधी रात से बदल जाएगा झारखंड में पीने और पिलाने का अंदाज

झारखंड में सोमवार रात बारह बजे के बाद से शराब पीने और पिलाने का अंदाज बदल जाएगा. अब साकी और शराबी की जगह मर्जी सरकार की चलेगी. न तो इश्क में धोखा का गम कम करने के लिए 18-20 साल के युवा शराब की बोतलें खरीद सकेंगे और न घर में मेहमानों को सीलबंद बोतलें दिखा कर इंप्रेस्ड किया जा सकेगा. और तो और, आपके काम के घंटे भले आठ से दस-12 तक की छलांग लगा ले, शराब की दुकान घड़ी देख कर आठ घंटे ही खुलेगी.

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आज आधी रात से बदल जाएगा झारखंड में पीने और पिलाने का अंदाजक्या है मामला

एक अगस्त से झारखंड सरकार खुद शराब की दुकानों का संचालन करेगी. झारखण्ड सरकार इस साल स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन की मदद से खुद शराब बेचेगी. इसके बदले में कॉरपोरेशन 5 से 10 प्रतिशत लाभ लेगा. खास एक्साइज पॉलिसी तैयार की गई है. अगर सब कुछ पॉलिसी के अनुसार हुआ तो बिना आधार कार्ड के किसी भी दुकान से शराब खरीदना मुश्किल होगा.  

लौटेंगे लड़खड़ाते कदम वाले

नियम के मुताबिक लड़खड़ाते कदम से शराब की दुकान पहुंचे और शराब मांगा तो आपको बैरंग वापस होना पड़ेगा. अधिक पीकर आने वालों को बिना शराब दिए लौटा देने का निर्देश दुकानदारों को थमाया गया है.

21 से पहले नो नो

इतना ही नहीं उम्र और कोटा भी तय है. शराब पीना है तो आधार कार्ड लाइए. अगर उम्र 21 से कम है तो शराब नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं एक बार में तीन लीटर से अधिक फॉरेन लिकर नहीं मिल सकेगा.

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आठ घंटों तक ही खुलेगी दुकान

नई एक्साइज पॉलिसी के अनुसार शहरी क्षेत्र में दिन के 1 बजे से 4 बजे और फिर शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक शराब दुकानें खुली रहेंगी. जबकि ग्रामीण इलाकों में दिन के 12 बजे से रात 8  बजे तक शराब खरीदी जा सकेगी.

आंकड़ों में झारखंड की शराब

झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन 23 जिलों में कुल 415 दुकानों से शराब बेचेगा. इसमें सबसे ज्यादा दुकानें कंपोजिट शराब की होगी जहां देसी व विदेशी शराब एक साथ मिलेंगी. राज्य भर में कंपोजिट शराब की कुल 276 दुकानें खोली जायेंगी. केवल विदेशी शराब की 89 व देसी शराब की 50 दुकानें होंगी. आपको बता दें कि पिछले साल सरकार को शराब से 997.6 करोड़ का राजस्व मिला था. हाईवे पर शराब दुकानों पर लगे प्रतिबंध के बाद दुकानों की संख्या झारखंड में 14 सौ से घटकर 1100 रह गई है. जब सरकार दुकान चलाएगी तो इनकी संख्या 600 के आसापस होगी.

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