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आज कोच नहीं बने हैं कुंबले, वे जब खेलते थे तब भी कोच ही थे

l_Anil-Kumble-1467778178 (1)एजेंसी/ टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल गेंदबाज अनिल कुंबले के टीम इंडिया का चीफ कोच बनते ही एक बहस हर तरफ शुरू हो गई है कि क्या इस शानदार लेग स्पिनर का कोच के तौर पर कार्यकाल भी उतना ही सफल होगा, जितना उनका खिलाड़ी के तौर पर करियर रहा? लेकिन नब्बे के दशक में कुंबले की ही अगुआई में भारतीय टीम को कई यादगार जीत दिलाने वाली स्पिन तिकड़ी में ऑफ स्पिन की कमान संभालने वाले पूर्व भारतीय गेंदबाज राजेश चौहान का मानना है कि उनकी नियुक्ति भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

भारत के लिए 21 टेस्ट मैच व 35 वनडे मैच खेलने वाले चौहान ने ‘पत्रिका’ से खास बातचीत में कहा कि कुंबले आज कोच नहीं बने हैं बल्कि वह जब खेलते थे, तब भी कोच ही थे। वह तब टीम के अनॉफिशियल गेंदबाजी कोच की भूमिका निभाते थे या दूसरे शब्दों में कहें तो वह टीम इंडिया की गेंदबाजी के ‘कप्तान’ थे। हमारी स्पिन तिकड़ी की सारी रणनीति वो ही तैयार करते थे। हमारी टीम के वो इंजीनियर थे, जो सफलता की बिल्डिंग तैयार करते थे। हमें समझाते थे कि ऐसे गेंद फेंकनी है। उनका समझाने का ढंग तब भी कमाल का था।

चौहान भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ दिनों में कुंबले समेत फैब-4 के आगमन को एक जनरेशन चेंज की नजर से देखते हैं। उनका कहना है कि अनुराग ठाकुर के आने के बाद युवाओं को जोडऩे की जो शुरुआत हुई है, ये बहुत अच्छी शुरुआत है। आप मेरे शब्द लिख लीजिए, इसमें अगले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट का गोल्डन पीरियड आता दिखाई दे रहा है।

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