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आज “रियल एस्टेट बिल’ होगा राज्यसभा में पेश

Rise-in-Renters_AHUJ-580x395दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली : आज राज्यसभा में बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाने वाला रियल एस्टेट बिल पेश किया जाएगा. कांग्रेस बिल को पास कराने के पक्ष में है. चार महीने पहले इस बिल को मोदी कैबिनेट ने मुहर लगाई थी. लेकिन, तब विपक्ष के विरोध की वजह से ये बिल पास नहीं हो सका था. रियल एस्टेट बिल के पास होने से बिल्डरों की मनमानी और रियल एस्टेट सौदों की धोखाधड़ी पर लगाम लगने की उम्मीद है.

राज्यसभा में आज कई अहम बिल पेश किए जाएंगे और इनमें से एक रियल एस्टेट बिल है. राज्यसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना जवाब भी देने वाले हैं. पीएम के भाषण का बाद ही रियल एस्टेट बिल को पेश किया जाएगा. बिल्डरों के चंगुल में फंसे फ्लैट खरीदारों के लिए यह अच्छी खबर मानी जा सकती है.

बिल के पास होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है. क्योंकि, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार के साथ इस बिल को पास कराने के पक्ष में है. दरअसल इस बिल के पास हो जाने के बाद लोकसभा में भेजा जाएगा. जब ये बिल संसद से पास हो जाएगा तो एक रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाएगी जो कि बिल्डरों पर नकेल कसेगी. उनको मजबूर किया जाएगा कि फ्लैट खरीदारों को तय समय पर फ्लैट दिए जा सकें.

इतना ही नहीं फ्लैट की गुणवत्ता में भी कमी ना आ पाए ये भी सुनिश्चित करेगी रेगुलेटरी अथॉरिटी. शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने भी उम्मीद जताई है कि बजट सत्र में रियल एस्टेट बिल पास हो सकता है. याद दिला दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस बिल के समर्थन में कई बयान दे चुके हैं.

यह होंगी बिल की खास बातें :

– नए बिल में 500 वर्ग मीटर एरिया या आठ फ्लैट वाले प्रोजेक्ट को भी रेग्युलेटरी अथॉरिटी के साथ रजिस्टर कराना होगा.
– पहले 1000 स्क्वायर मीटर वाले प्रोजेक्ट ही नियम के दायरे में आते थे.
– बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी प्रोजेक्ट लांच नहीं हो सकेगा और ना ही बिल्डर उसका विज्ञापन निकाल सकेंगे.
-भ्रामक विज्ञापन पर सजा का प्रावधान करने की सिफारिश बिल में की गई है.
– बिल के मुताबिक एडवांस रकम का 70 फीसदी अलग अकाउंट में जमा करना होगा.
– हाउसिंग ही नहीं, कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी नियम लागू होने की बात कही गई है.
– सभी राज्यों में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन पर जोर दिया गया है.
– बिल में प्रोजेक्ट के जल्द क्लियरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाने की बात तो है ही.
– उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई की प्रक्रिया तेज बनाने की सिफारिश इस बिल में की गई है.
– इसके अलावा प्लान में बदलाव से पहले दो तिहाई खरीदारों की मंजूरी जरूरी होगी.
– नियमों की उल्लंघन पर बिल में बिल्डरों के लिए तीन साल की सजा का भी प्रावधान है.
– इस बिल के प्रावधानों के लागू होने से बिल्डरों के लिए खऱीदारों से मिले पैसों का इस्तेमाल दूसरे प्रोजेक्ट में करना मुश्किल हो जाएगा.

 

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