अन्तर्राष्ट्रीय

आतंकवाद से मुकाबले में लाचारी पर भारत ने की सुरक्षा परिषद की निंदा

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के बढ़ते खतरों से मुकाबले में लाचारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आलोचना की है। भारत ने कहा कि आइएस के रूप में नया खतरा उभर रहा है। एक साल पहले मुद्दा उठाए जाने के बावजूद सुरक्षा परिषद तालिबान के बड़े आतंकियों को वैश्विक आतंकी घोषित करने और मारे गए आतंकियों की संपत्ति जब्त करने को लेकर अभी तक कुछ तय नहीं कर पाई है।आतंकवाद से मुकाबले में लाचारी पर भारत ने की सुरक्षा परिषद की निंदा

सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान पर चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि तन्मय लाल ने कहा, ‘आतंकी अस्पतालों में मरीजों, स्कूलों में बच्चों और मस्जिदों में श्रद्धालुओं को लगातार निशाना बना रहे हैं। आतंकी संगठनों ने अपने पैर जमा लिए हैं। तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आइएस, अलकायदा और अफगानिस्तान से बाहर इनसे संबंद्ध लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के समर्थन पर रोक लगनी चाहिए। अफगान सीमा से बाहर इन संगठनों की सभी सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म किया जाना चाहिए। हमारे सामूहिक हितों के संबंध में सुरक्षा परिषद की यह बड़ी जिम्मेदार बनती है। अफगान लोग निरंतर लचीलापन दिखा रहे हैं और वहां के सुरक्षा बलों ने भी अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है लेकिन बेहतर भविष्य की उम्मीद अब भी दूर है।’

अफगान दूत ने पाक की खोली पोल

सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के दूत महमूद सैकल ने पड़ोसी पाकिस्तान की पोल खोली। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 2017 में पूरे साल डूरंड लाइन पर गोलीबारी कर सीमा का उल्लंघन किया। इसमें कई निर्दोष लोगों की जान गई। इसे बंद किया जाना चाहिए।

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