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आत्महत्या करनेवाले निलंबित इंस्पेक्टर पर दर्ज थे कई मामले : खडसे

cr_1445304971स्तक टाइम्स/एजेंसी : महाराष्ट्र, मुंबई. वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या करने वाले जलगांव के निलंबित इंस्पेक्टर अशोक सादरे के खिलाफ हफ्ता वसूली सहित कई मामले दर्ज थे। जलगांव के पालकमंत्री एकनाथ खडसे ने कहा कि सादरे के खिलाफ उसके विभाग ने ही कई मामले दर्ज किए थे। सोमवार को खडसे ने कहा कि 18 दिसंबर 1991 को उसने डोंबिवली के शीलफाटा स्थित एक होटल में शराब पीकर होटल मालिक से बदसलूकी की थी। उस दिन छुट्टी पर होने के बावजूद उसने सरकारी रिवाल्वर जमा नहीं किया था। 31 मार्च 2007 को सादरे के खिलाफ नाशिक के वावी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। 17 सितंबर 2013 को सादरे ने जलगांव में तैनाती के दौरान माफिया छोटा शकील को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को गलत जानकारी देकर पूरे विभाग को हलाकान किया था।
पत्नी का आरोप- खडसे के दवाब में नहीं हो रही कार्रवाई : एक दिन पहले दिवंगत सादरे की पत्नी ने खडसे पर आरोप लगाया था कि उनके दबाब में मेरे पति की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने सादरे आत्महत्या मामले में खडसे के इस्तीफे की मांग की है। पार्टी का कहना है कि इस मामले की सीआईडी जांच होनी चाहिए।
 
आत्महत्या से पूर्व सादरे ने महानिदेशक को लिखा था पत्र
 
निलंबित इंस्पेक्टर सादरे ने बीते शुक्रवार को नाशिक स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। सादरे जलगांव जिले के सिटी पुलिस स्टेशन में तैनात था। भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित था। आत्महत्या से पूर्व अशोक ने पुलिस महानिदेशक को एक चिट्टी लिखी और उसे अपने कुछ दोस्तों को व्हाट्स ऐप पर भेज दी थी। इस चिट्ठी में जलगांव पुलिस के कई बड़े अधिकारियों पर पैसे मांगने और न देने पर गलत आरोप में फंसाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। अपनी चिठ्ठी में सादरे ने जलगांव एसपी जालिंदर सुपेकर पर पोस्टिंग के नाम पर पैसे वसूलने का आरोप लगाया है।

 

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