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आप भी जानें क्यों मनाया जाता है काकोरी शहीद दिवस

kakori-memorial-567543e52236c_exlstआजादी की लड़ाई में काकोरी कांड के शहीदों को भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल राम नाईक और डीएम ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि…
काकोरी शहीद दिवस कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि काकोरी स्वतंत्रता संग्राम का महान धा‌र्मक स्थल है। उन्होंने आश्वसन दिया कि काकोरी को महान ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व के स्थान के रूप में पहचान दिलाने की पूरी को‌शिश करेंगे।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उनके साथ डीएम राजशेखर रेड्डी ने भी काकोरी के शहीदों को श्रद्धांजल‌ि दी। 

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उन्हें ‌बीते एक साल में काकोरी स्मारक में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले दिनों में और भी अच्छे बदलावों की उम्मीद है।

राज्यपाल ने के मुख्य अतिथि राज्यपाल राम नाईक थे। उन्होंने वहां मौजूद बच्चों, स्टूडेंट्स और सभी लोगों को काकोरी कांड की स्मृति में लगी प्रदर्शनी देखने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस मौके पर ये भी तय किया गया कि जिला प्रशासन की तरफ से काकोरी स्मारक पर हर शहीद की प्रतिमा के पास उनके इतिहास के बारे में एक बोर्ड लगाया जाएगा ताकि उनके बारे में वहां एक-एक सही जानकारी मिल सके।

जो शहीद इस ऐतिहासिक घटना में भागीदार थे उनकी बड़ी तस्वीरें लगाई जाएंगी और इस घटना में उनका क्या योगदान था इस बारे में संक्षिप्त में लिखा जाएगा।

जिला प्रशासन ज्यादा से ज्यादा स्कूल कॉलेजों में काकोरी ट्रेन कांड से जुड़ी तस्वीरों और दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाएगा ताकि बच्चों में देशभक्ति की भावना का संचार हो सके।

आजादी की लड़ाई 9 अगस्त 1925 को चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह सहित 10 क्रांतिकारियों ने लखनऊ से 14 मील दूर काकोरी और आलमनगर के बीच ट्रेन में ले जाए जा रहे सरकारी खजाने को लूट लिया था। अंग्रेज शासकों ने इस घटना में शामिल क्रांतिकारियों को 19 दिसंबर को फांसी देने की घोषणा की थी। उन्हीं की याद में आज का दिन काकोरी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

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