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इंडियन नेवी में शामिल सबसे बड़ा डेस्‍ट्रॉयर आईएनएस चेन्‍नई

800x480_image60501431मुंबई। सोमवार को देश में सबसे बड़े डेस्‍ट्रॉयर आईएनएस चेन्‍नई को इंडियन नेवी में कमीशंड कर दिया गया। मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में जहां रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर भी मौजूद थे इसे इंडियन नेवी में शामिल किया गया। आईएनएस चेन्‍नई को मंझगांव डॉकयॉर्ड में निर्मित किया गया है।

गाइडेड मिसाइल डेस्‍ट्रॉयर आईएनएस चेन्‍नई

आईएनएस चेन्‍नई कोलकाता क्‍लास का गाइडेड मिसाइल डेस्‍ट्रॉयर है और यह भारत में निर्मित अब तक का सबसे बड़ा डेस्‍ट्रॉयर है।

आईएनएस चेन्‍नई वेस्‍टर्न नेवल कमांड के कमांडिंग-इन-चीफ के फ्लैग ऑफिसर के प्रशासनिक नियंत्रण में रहेगा और यहीं से संचालित होगा।

समुद्र में कुछ ट्रायल के पूरा होने के बाद इसे वेस्‍टर्न फ्लीट में शामिल कर दिया जाएगा और मुंबई में इसका बेस रहेगा।

क्‍या है इसकी खासियतें

  • आईएनएस चेन्‍नई की लंबाई 164 मीटर है और यह 7,500 टन का वजन उठा सकता है।
  • इस डेस्‍ट्रॉयर में विविधताओं वाले टास्‍क और मिशन को अंजाम देने की ताकत है।
  • जमीन से जमीन तक वॉर कर सकने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के अलावा लंबी दूरी की बराक-8 मिसाइल से लैस।
  • डेस्‍ट्रॉयल में खतरना मिसाइल टेक्‍नोलॉजी का प्रयाग किया गया है।
  • समुद्र के अंदर जंग के समय दुश्‍मनों के छक्‍के छुड़ाने के लिए इसमें स्‍वदेशी एंटी-सबमरीन हथियारों और सेंसरों का प्रयोग किया गया है।
  • इसमें खासतौर पर हुल माउंटेड सोनार ‘हुम्‍सा-एनजी’ भारी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्‍चर्स, रॉकेट लॉन्‍चर्स भी हैं।
  • दुश्‍मन की मिसाइल से रक्षा के लिए इसे ‘कवच’ सिस्‍टम से लैस किया गया है।
  • दुश्‍मन के टॉरपीडो से इसे कोई नुकसान न हो इसके लिए इसमें स्‍वदेशी ‘मारीच’ टॉरपीडो सिस्‍टम।
  • डेस्‍ट्रॉयर इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह दो मल्‍टी-रोल हेलीकॉप्‍टर्स को भी ऑपरेट कर सकता है।
  • आईएनएस कोलकाता की पहली शिप को 16 अगस्‍त 2014 को कमीशंड किया गया।
  • इसके बाद इस क्‍लास की दूसरी शिप आईएनएस कोच्चि 30 सितंबर 2015 को कमीशंड हुई।

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