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इन कविता के साथ मॉं के हर पहलू को प्रणाम

08-1462703813-whale-mother08-1462703756-lioness-motherमातृ दिवस यानी मदर्स डे के मौके पर हम अगले पांच मिनट के लिये मां के हर पहलु को जानेंगे। नीचे तस्वीरों में मॉं के अलग-अलग रूप देखने से पहले एक नजर उस कविता पर जिसे लिखा है लखनऊ की ऋतु राय ने।

08-1462703749-polar-bear-mother08-1462703741-deer-mother08-1462703707-bear-mother-108-1462703693-panda-motherकोई चेहरा तुमसा न होगा जो दर्द -ए-दरारों को भर सके कोई दिल तुमसा मुलायम न होगा जो आंखों में उतर, दिल की नमी भाप सके कोई आवाज़ तुमसा जादुई न होगा जो जीवन अीयंतर उत्साह की लहर जगा दे कोई मौजूदगी तुमसा न होगा जो न उपस्थ‍ित होकर संपूर्ण होने का अहसास दिला दे कोई याद तुमसा मजबूत न होगा जो हमको मुमसे भूला दे हां सत्य हो तुम जीवन है तो मृत्यु भी पर आत्मा की श्रेष्ठा में तुम प्रबल हो मॉं 08-1462703700-polar-bear-mother-208-1462703770-happy-mothers-day

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