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इन बच्चों ने जीता स्मृति ईरानी का दिल

एंजेंसी/award_146298928069_650x425_051116113909बंगलुरु के एक सातवीं क्लास के छात्र ने एक ऐसा एप तैयार किया है. जिसकी मदद किसी भी मोबाइल पर आए मैसेज का जवाब बिना फोन उठाए मिल जाएगा. यानी कार या बाइक चलाते वक्त अब मोबाइल पर आए मैसेज को पढ़ने के लिए अब आपको रुकना नहीं पड़ेगा. ये एप अपने आप मैसेज का जवाब दे देगा. इसके लिए बस आपको ये एप अपने मोबाइल में डाउनलोड करना होगा. ये कमाल जिस छात्र ने किया है उसका नाम अर्नब है.

नेशनल अविष्कार अभियान में बच्चों ने लिया हिस्सा
अर्नब को ये प्रोजेक्ट बनाने का मौका मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए नेशनल अविष्कार अभियान के कोड टू लर्न कम्पीटिशन के जरिए मिला. इसमें गूगल ने पूरी भागीदारी निभाई है और ये प्रतियोगिता ऑनलाइन कोड टू लर्न के नाम से आयोजित की गई. इस प्रतियोगिता में देशभर के 50 शहरों से 5वीं से 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले करीब ढाई हजार बच्चों ने अपनी एंट्री भेजी. लगभग 450 बच्चों को प्रोजेक्ट के लिए चुना गया और उनमें से 9 बच्चों को बेस्ट प्रोजेक्ट बनाने के लिए चुना गया, जिसे मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्रॉफी भेंट कीं.

एक से बढ़कर एक एप्स बच्चों ने बनाए
प्रतियोगिता में जीतकर आए बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट बनाए. चेन्नई से 10वीं के छात्र अर्जुन ने एक ऐसा एप बनाया है जो बताता है कि बच्चा स्कूल बस में कब चढ़ा कब उतरा और स्कूल बस कहां तक पहुंची है. अभिभावक घर बैठे अब इस एप की मदद की अपने बच्चों पर नजर रख सकते हैं. इस एप का चेन्नई के अलावा दूसरे जगहों पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

स्मृति ईरानी ने बच्चों का हौसला बढ़ाया
इसके गुरुग्राम के अन्वय ने लोकेटर नाम का एक एप तैयार किया है. अगर आप अपनी कार पार्क करके भूल गए हों तो इस एप की मदद से तुरंत जान पाएंगे कि कार कहां खड़ी है और कितनी दूर पर है. दिल्ली के देवपारिख ने हर मुश्किल से मुश्किल शब्द का अर्थ जानने के लिए एक डिक्शनरी बना डाली है. इसके अलावा बच्चों ने कई खेलों के प्रोजेक्ट बनाए जिसे स्मृति ईरानी ने खूब सराहा. बच्चों के द्वारा तैयार किए गए ये एप्स और गेम्स गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध हैं.

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