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इस्तीफा देने वाले तेज प्रताप यादव को जान से मारने की मिली धमकी

पटना। राष्ट्रीय जनता दल की स्टूडेंट विंग के संरक्षक पद से हालही इस्तीफा देने वाले तेज प्रताप यादव को जान से मारने की धमकी मिली है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को मंगलवार को एक अज्ञात कॉल पर उन्हें और उनके पर्सनल असिस्टेंट को जान से मारने की धमकी मिली है। मामला का खुलासा तब हुआ, जब तेज प्रताप ने इस मामले जांच की गुजारिश करते हुए पुलिस को खत लिखा। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉल करने वाले ने खुद को राजद छात्र नेता बताया है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सचिवालय पुलिस स्टेशन के इंचार्ज से इस मामले में एफआर दर्ज करने की गुजारिश करते हुए तेज प्रताप ने खत में लिखा है कि मेरे पर्सनल असिस्टेंट श्रजीन स्वराज को उनके फोन नंबर पर एक कॉल आया और अज्ञात कॉलर ने मुझे और श्रीजन को जान से मारने की धमकी दी है। वह खुद का राजद छात्र नेता बता रहा था।

यह बहुत ही संवेदनशील और सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है। श्रीजन के पास उस कॉल की रिकॉर्डिंग हैं। बता दें, यह मामला तेज प्रताप के कुछ दिन पहले राजद छात्रसंघ के संरक्षक पद से इस्तीफा देने के बाद सामने आया है। यादव परिवार में पैदा हुए विवाद के बीच तेज प्रताप यादव ने ‘लालू-राबड़ी मोर्चा’ बनाया है। इस्तीफा देते हुए तेज प्रताप ने ट्वीट में कहा था कि छात्र राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक के पद से मैं इस्तीफा दे रहा हूं। नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं। कौन कितना पानी में है सबकी है खबर मुझे, लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बिहार में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में विवाद बढ़ता जा रहा है। लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने लालू परिवार की टेंशन बढ़ाई हुई है। पिछले दिनों पार्टी छोड़ने वाले तेजप्रताप यादव ने अब अलग पार्टी (लालू-राबड़ी मोर्चा) बना ली है।

साथ ही उन्होंने यह भी धमकी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो अपनी ही पार्टी के खिलाफ वह उम्मीदवार खड़े करेंगे। तेजप्रताप यादव ने साफ कर दिया है कि अगर शिवहर और जहानाबाद से उनके मनपसंद नेता को टिकट नहीं मिलता है तो ‘लालू-राबड़ी मोर्चा’ के बैनर तले अपने उम्मीदवारों को उतारेंगे। तेजप्रताप यादव ने कहा कि मैंने 2 सीटों को लेकर तेजस्वी यादव से बात की थी। जहानाबाद से सुरेंद्र यादव को टिकट दिया गया है जो तीन बार से लगातार हारते रहे हैं और फिर भी उन्हें टिकट दिया गया है। जनता सुरेंद्र यादव को नहीं चाहती है। इसे लेकर जनता पूरी आक्रोशित है। तेजप्रताप ने कहा कि मेरी यह मांग थी कि वहां से किसी ऐसे नौजवान उम्मीदवार को टिकट दिया जाए जो जनता के लिए काम करे, इसे लेकर जनता आक्रोश में है।

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