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कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर 30 मई को मनेगी कालाष्टमी

बिलासपुर : प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी मनाई जाती है। 30 मई को यह दिन पड़ेगा। इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा होगी। भक्त संपूर्ण शिव परिवार को प्रसन्न करने विभिन्न उपाय करेंगे। मान्यता है कि इस दिन पशु-पक्षियों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। किसी का अपमान करने और झूठ आदि बोलने से बचना चाहिए। गर्मी में जल और छाता दान करना चाहिए।

जल संसाधन विभाग स्थित कालजयी मंदिर के पुजारी बालमुकुंद तिवारी के मुताबिक, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा-अर्चना की जाती है। मासिक कालाष्टमी के दिन काल भैरव देव की पूजा करने से शनि और राहु के प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है। कालजयी मंदिर में पांच दिनी विशेष पूजन का आयोजन किया गया है।

शनिवार से अभिषेक प्रारंभ हो चुका है। अलग-अलग दिन यजमान होंगे। न्यायधानी में कालाष्टमी पर शिवालयों में भी भीड़ उमड़ती है। घरों में संपूर्ण शिव परिवार की पूजा में भक्त लीन रहते हैं। व्रतियों को इसका बड़ा लाभ मिलता है। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। घर की क्लेश-बाधाएं दूर होती हैं। घर में शांति, सुख-समृद्धि आती है।

जल संसाधन विभाग स्थित कालजयी मंदिर में स्थापना दिवस और कालाष्टमी को लेकर पांच दिनी विशेष पूजन प्रारंभ है। 27 मई को अभिषेक और विशेष पूजा होगी। भक्तों के लिए दिनभर भंडारा का आयोजन किया गया है। बता दें कि यहां दूर-दूर से भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

भक्त यदि काल भैरव देव की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए कालाष्टमी की पूजा के दौरान भैरव बाबा को इत्र, पुष्पों की माला और चंदन आदि जरूर अर्पित करें। इसके साथ ही भोग के रूप में उन्हें मिठाई अर्पित करें और काल भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही काल भैरव देव की पूजा के दौरान भैरव अष्टक का पाठ भी जरूर करें। विधिवत पूजन नियमों का पालन करें।

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