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इस तरह छाया ‘कबाली’ का जादू, शो के लिए तरशा ‘मदारी’

kabali_n_20ju_22_07_2016एजेंसी/ ‘कबाली’ की लहर जो दक्षिण भारत से उठी वो अब पूरे देश में फैलती लग रही है। अंदाजा नहीं था कि रिलीज के चार-पांच दिन पहले रजनीकांत का तूफान इस कदर उठेगा कि हिंदी फिल्में अपने ‍इलाकों में भी उसके आगे टिक नहीं पाएंगी।

आज हिंदी भाषी राज्यों में ‘कबाली’ तो रिलीज हुई ही, इरफान की ‘मदारी’ भी लगी है। सुबह से आ रही समीक्षाअों में खूब तारीफ पाने के बावजूद ‘मदारी’ की हालत सिनेमाघरों में ठीक नहीं है। हालात यह हैं कि कई बड़े शहरों में इसके शुरूआती शो रद्द करने पड़े हैं क्योंकि लोग इसे देखने पहुंचे ही नहीं।

इंदौर के एक सिनेमाघर ‘मनमंदिर’ का ही उदाहरण लें तो यहां ‘मदारी’ का शो सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होना था लेकिन कोई इसे देखने नहीं पहुंचा। इसके आधे घंटे बाद ‘कबाली’ के लिए भीड़ जुटने लगी। जबकि कुछ दिन पहले इससे बिल्कुल उलट स्थिति का अंदाजा जानकार लगा रहे थे। शायद ‘मदारी’ के निर्माता भी!

वैसे बता दें कि ‘मदारी’ भले ही अभी लोग नहीं देख रहे हों लेकिन इसके अच्छे दिन ज्यादा दूर नहीं हैं। ‘कबाली’ को हिंदी के दर्शक देख जरूर रहे हैं लेकिन वो फिल्म से पूरी तरह खुश नजर नहीं आ रहे हैं। सही भी है कि यह फिल्म पूरी तरह से दक्षिण भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है और हिंदी दर्शकों को एेसी एक्टिंग, ऐसे माहौल की आदत नहीं है।

रविवार तक स्थिति साफ होने की उम्मीद है जो ज्यादा दूर नहीं है। जानकारों का कहना है ‘मदारी’ का रंग भी जल्द नजर आएगा।

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