उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंडः कॉलेजों में गेस्ट टीचर भर्ती प्रक्रिया पर रोक

उत्तराखंड के राजकीय डिग्री कॉलेजों में गेस्ट टीचर के 681 पदों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लग गई हैjobs-in-police-department-5618efa39c2f9_exlst

इन पदों पर नियुक्ति के लिए इसी सप्ताह मेरिट लिस्ट बनकर साक्षात्कार होने थे लेकिन 2009 से पहले के पीएचडीधारकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर किए जाने पर विरोध जताया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूरे मामले पर उच्च शिक्षा मंत्री से बात करने और तब तक भर्ती प्रक्रिया रोकने की बात कही है।

प्रदेश के राजकीय डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त 681 पदों पर गेस्ट टीचर रखे जा रहे हैं। सरकार की ओर से इन्हें 25 हजार रुपए महीना मानदेय दिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से पिछले महीने इन पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब आवेदन पत्रों की छंटनी की जा रही है।

इसी सप्ताह अर्ह अभ्यर्थियों की मेरिट बनाने के बाद साक्षात्कार होने थे लेकिन 2009 से पहले के पीएचडीधारकों ने नियुक्ति प्रक्रिया में उन्हें शामिल नहीं किए जाने पर विरोध जताया है।

शनिवार की देर रात मुख्यमंत्री आवास पर हरीश रावत से मिले डॉ. वीरेंद्र बर्त्वाल, डॉ. देवेन्द्र रावत, डॉ. प्रमोद सती आदि ने कहा कि 2009 से पहले के पीएचडीधारकों को भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। इनका कहना है कि गेस्ट टीचर के पद अस्थायी हैं। यूजीसी रेगुलेशन 2009 से पहले के पीएचडीधारकों को इन पदों पर आवेदन के योग्य माना जाना चाहिए।

उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गेस्ट टीचर की भर्ती यूजीसी रेगुलेशन 2009 के अनुसार की जा रही है। इसमें नेट, सेट या फिर यूजीसी रेगुलेशन 2009 के तहत पीएचडी करने वालों को ही अर्ह माना गया है।

2009 से पहले पीएचडी करने वाले भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। पुराने पीएचडीधारकों का कहना है कि रेगुलेशन लागू होने से पहले पीएचडी डिग्री लेने वाले या फिर पंजीकृत हो चुके अभ्यर्थियों को इसमें छूट मिलनी चाहिए।

पुराने पीएचडीधारक इस मामले को लेकर मिले थे। इस बाबत उच्च शिक्षा मंत्री से बात चल रही है। पीएचडीधारकों की बात पर विचार किया जाना चाहिए। तब तक भर्ती प्रक्रिया को रोकने की सलाह दी गई है।शनिवार की देर रात मुख्यमंत्री आवास पर हरीश रावत से मिले डॉ. वीरेंद्र बर्त्वाल, डॉ. देवेन्द्र रावत, डॉ. प्रमोद सती आदि ने कहा कि 2009 से पहले के पीएचडीधारकों को भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। इनका कहना है कि गेस्ट टीचर के पद अस्थायी हैं। यूजीसी रेगुलेशन 2009 से पहले के पीएचडीधारकों को इन पदों पर आवेदन के योग्य माना जाना चाहिए।

उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गेस्ट टीचर की भर्ती यूजीसी रेगुलेशन 2009 के अनुसार की जा रही है। इसमें नेट, सेट या फिर यूजीसी रेगुलेशन 2009 के तहत पीएचडी करने वालों को ही अर्ह माना गया है।

2009 से पहले पीएचडी करने वाले भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। पुराने पीएचडीधारकों का कहना है कि रेगुलेशन लागू होने से पहले पीएचडी डिग्री लेने वाले या फिर पंजीकृत हो चुके अभ्यर्थियों को इसमें छूट मिलनी चाहिए।

पुराने पीएचडीधारक इस मामले को लेकर मिले थे। इस बाबत उच्च शिक्षा मंत्री से बात चल रही है। पीएचडीधारकों की बात पर विचार किया जाना चाहिए। तब तक भर्ती प्रक्रिया को रोकने की सलाह दी गई है।

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