उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड की वनस्पतियों को मौसम से खतरा

मौसम की मार का असर वनस्पतियों पर पड़ा है। वनस्पतियों के फूल आदि आने का समय चक्र ही नहीं बदला है बल्कि ‘क्षेत्र’ भी बदल रहा है। चिंतित वन विभाग ने इस संबंध में बदलाव का विस्तृत और वैज्ञानिक अध्ययन कराने का फैसला किया है। फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (देहरादून) के सहयोग से अध्ययन शुरू होगा। मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। वर्ष 2015 और 2016 अब तक के सबसे गर्म साल रहे हैं। इस बदलाव के कारण वनस्पतियों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है। फूल, पत्तियों के समय चक्र में बदलाव आया है। यह बात वन विभाग के ऑब्जरवेशन और अनुभव के आधार पर सामने आई है।
जो बातें केवल अनुभव या देखने के आधार पर कही जा रही हैं, अब उनकी वैज्ञानिक पुष्टि के लिए अध्ययन कराने की तैयारी की गई है। वन अनुसंधान के वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी कहते हैं कि साल की प्रजाति जिस एरिया में होती थी, वहां से शिफ्ट हो रही है। इसी तरह हिसालु, बुरांश में भी अंतर देखने को मिला है। 

समय से पहले ही बुरांश में फूल आ रहा है, यह बात कई सालों से लगातार रिपोर्ट हो रही है। ढाक पर भी संकट बना हुआ है। ऐसे में एफआरआई के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से प्रजातियों का वैज्ञानिक अध्ययन कराने की योजना बनी है। इस संबंध में एफआरआई से बातचीत भी हो चुकी है। कुछ औपचारिकता के बाद यह संयुक्त अध्ययन शुरू कराया जाएगा।

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