उत्तर प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी ने फूंका चुनावी बिगुल, खुद को बताया ‘यूपी वाला’
सहारनपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बिगुल बजा दिया है। पीएम मोदी ने शुरुआत की है सहारनपुर की रैली से, जो उन्होंने सरकार के 2 साल पूरे होने के मौके पर की। यहां उन्होंने खुद को यूपी वाला कहकर संबोधित किया। उन्होंने अपनी सरकार को गरीबों और किसानों के प्रति समर्पित और जनता के धन की लूटपाट को रोकने वाली बताते हुए कहा कि देश में विकास और आशा के मिजाज ने संप्रग के शासनकाल में पैदा हुई नाउम्मीदी के माहौल को बदला है।
2 साल में आपने कभी सुना कि मोदी सरकार ने पैसा खाया
उन्होंने कहा कि 2 वर्ष पहले की स्थिति काफी भयावह थी। आए दिन भ्रष्टाचार की खबरें आती थी। बड़े बड़े लोग इसमें लिप्त पाए जाते थे। क्या कुर्सी पर जनता का पैसा लूटने के लिए ही बैठाया जाता है। मोदी ने कहा कि दो वर्ष के बाद क्या आपने कभी सुना है कि मोदी सरकार ने पैसा खाया है। क्या विरोधियों ने कभी इस तरह का मुद्दा उठाया है। लाखों लोगों के बीच खड़ा होकर अपना हिसाब देने की हिम्मत किसी में नहीं थी।
सभी गांवों में मिलेगी बिजली
पीएम ने दावे के साथ कहा कि बहुत ही जल्द उत्तर प्रदेश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा करूंगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना से गरीब से गरीब लोगों को बैंक से जोड़ने का काम किया है। मुसीबत में यह योजना गरीबों का सहारा बनेगी।
अपने आपको यूपी वाला बताया
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर उत्तर प्रदेश में अपनी चार जनसभाओं में से यहां पहली सभा को संबोधित करते हुए खुद को किसानों की चिंता करने वाला ‘यूपी वाला’ कहा और राज्य के मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
गन्ना किसानों के लिए कई कदम उठाए
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया के भुगतान में मदद के लिए कई कदम उठाए हैं, जबकि दूसरी सरकारें उनके बारे में चिंतित नहीं थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनावों में जीत के बाद भाजपा नीत राजग का नेता चुने जाने पर उन्होंने अपने भाषण में वादा किया था कि उनकी सरकार गरीबों को समर्पित होगी। मोदी ने कहा कि तब से उन्होंने हर फैसला इसी दिशा में लिया है।
गरीबों को सशक्त बनाने के लिए काम किया
उन्होंने कहा, ‘अगर आप मेरे दो साल का कामकाज देखेंगे तो आप देखेंगे कि एक के बाद एक फैसले गरीबी से लड़ने में निर्धनों को सशक्त बनाने के लिए, गरीबी से लड़ने के लिए गरीबों को मजबूत बनाने के लिए किए गए ताकि वे गरीबी को हरा सकें। कोई निर्धन व्यक्ति अपने बच्चों को गरीबी की विरासत नहीं देना चाहता। मैंने हमेशा आम आदमी के लिए काम करने का प्रयास किया है।’
केंद्र के पास 35 प्रतिशत पैसा और राज्यों के पास 65 प्रतिशत
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की हमेशा ही कोशिश रही है कि राज्यों को हमेशा ताकतवर बनाया जाए। सरकारें जनता की भलाई के लिए काम करें। पहले 65 प्रतिशत धन केंद्र के पास और 35 प्रतिशत धन राज्यों के पास होता था। उन्होंने कहा कि हमने सबसे काम यही किया है कि अब केंद्र सरकार के पास केवल 35 प्रतिशत पैसा रहेगा जबकि 65 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकारों को मिलेगा। यह ऐतिहासिक फैसला था। इससे राज्य को मजबूती मिली है।