अजब-गजब

एक आइडिया ने इस लड़की की बदल दी जिंदगी, रोडपति से बन गई अरबपति

छुट्ट‍ियां मनाने बैंकॉक गई 27 साल की लड़की को ऑनलाइन फैशन प्लेटफॉर्म खड़ा करने का ऐसा आइड‍िया म‍िला क‍ि चार सालों में बीस लाख रुपये से सात हजार करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी. 27 साल की अंक‍ित‍ि ने आइड‍िया को कैसे जमीन पर उतारा…
साल 2014 में अंकिति बोस, वेंचर कैपिटल फर्म सिकोइया में बतौर एनालिस्ट काम कर रही थीं. उस समय 23 साल की थीं. अंकिति छुटि्टयों पर बैंकॉक गईं. वहां की एक मार्केट में कपड़ों की खरीदारी करते समय उन्हें पता चला कि यहां का कोई भी दुकानदार ऑनलाइन कपड़े नहीं बेचता है.

अंक‍ित‍ि ने थोड़ा और रिसर्च करने पर पाया कि दक्षिण-पूर्व एशिया में रेडिमेड कपड़ों के कई ऐसे व्यापारी हैं जो ऑनलाइन बिजनेस नहीं करते हैं. यहीं से उन्हें अपना ऑनलाइन फैशन प्लेटफॉर्म शुरू करने का आइडिया मिला. बैंकॉक से भारत लौटने पर एक पार्टी के दौरान उन्होंने अपने दोस्त ध्रुव कपूर से यह आइडिया शेयर किया. उस समय 24 साल के रहे ध्रुव सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और गेमिंग स्टूडियो किवी में काम करते थे. दोनों ने इस आइडिया पर काम करना शुरू किया.

करीब चार महीने बाद दिसंबर, 2014 में दोनों ने अपना जॉब छोड़ दिया और करीब 20 लाख रुपये की लागत से जिलिंगो नाम की कंपनी शुरू कर दी. इस कंपनी का काम दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे व्यापारियों को अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना था.

जिलिंगो ने हाल ही में फ्रेश राउंड की फंडिंग में 22.6 करोड़ डॉलर (करीब 1557 करोड़ रुपये ) जुटाने की घोषणा की है. इस फंडिंग के बाद कंपनी की कुल वैल्यू 97 करोड़ डॉलर (करीब 6.67 हजार करोड़ रुपये) हो गई है. इसके साथ ही अंकिति एशिया में 90 करोड़ डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी की सबसे युवा फाउंडरों में शामिल हो गई हैं.

अंकिति कहती हैं क‍ि हमारी कंपनी के लिए आगे बहुत संभावनाएं हैं. गूगल एंड टेमासेक की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया में 2018 में ऑनलाइन शॉपिंग का मार्केट 2300 करोड़ डॉलर (करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा का हो गया है. 2025 तक आंकड़ा यह 10 हजार करोड़ डॉलर (करीब 6.9 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा.

जिलिंगो ने 31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 18 लाख डॉलर (करीब 12 करोड़ रुपये) का ही रेवेन्यू दर्ज किया था. लेकिन, मार्च 2018 तक इसमें 12 गुना का इजाफा हो गया. अप्रैल 2018 से लेकर जनवरी 2019 तक इसमें चार गुना और बढ़ोतरी हुई.

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