स्वास्थ्य

एक छींक से हो सकते हैं 150 लोग बीमार, तुरंत अपनाएं ये 6 घरेलू उपचार

4_1443848817वैसे तो छींक आना आम बात है, पर लंबे समय तक छींक आना किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकता है, ऐसे में डॉक्टर के पास जाना ही बेहतर है। छींक के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं एलर्जी, धूल, धुंआ, पशुओं की गंध, भोजन की एलर्जी, कुछ दवाएं, बारिश का पानी, ठंडा मौसम, तेज महक तथा नमी और तापमान में बदलाव। छींक के साथ कुछ समस्याएं भी आती हैं, जैसे एकाग्रता में कमी, लाल आंखें, नाक बहना, नाक में खुजलाहट। छींक बुखार और सिरदर्द का कारण भी हो सकती है।
रिसर्च के अनुसार एक छींक में 40,000 सूक्ष्म बूंदें होती हैं। इनमें से कुछ बूंदें शरीर से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बाहर निकलती हैं। इनमें इतना इन्फेक्शन होता है कि यह आसानी से बीमारी फैला सकते हैं।
छींक यानि स्नीज सेंटर, ब्रेन के निचले हिस्से ब्रेनस्टेम में होता है। इसमें चोट लगने या गड़बड़ होने से इस पर प्रभाव पड़ता है और छींक लगातार आने लगती है। जानवरों में सबसे ज्यादा छींकने वाला प्राणी इगुआना छिपकली है जो छींक कर अपने शरीर की गंदगी बाहर निकालती है।

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