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एक जमाने में इस क्रिकेटर के घर खाने के भी नही थे पैसे, आज बन गया है दिग्वज खिलाडी…

वैसे तो खेल की दुनिया में कई ऐसे दिग्‍गज खिलाड़ी हुये है जिन्‍होंने अपने बेहतरीन खेल प्रदर्शन के दम पर लोगों के दिलो में एक अलग ही पहचान बना ही है, पर इन्‍हीं खिलाडि़यों में कुछ ऐसे भी दिग्‍गज खिलाड़ी हुये है, जिनका बचपन काफी संघर्षो से भरा रहा है, आज भी हम एक ऐसे ही खिलाड़ी के संबंध में बात करने वाले है, जो इतने कम समय में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है, यही नही मौजूदा समय में इंडियन टीम की रीड की हड्डी है, नाम जानकर आप भी हैरानी में पड़ जायेगें।

दरअसल जिस भारतीय खिलाड़ी की आज हम बात करने वाले है, उसके पास खाने के लिये दो वक्‍त की रोटी के भी पैसे नही होते थे, इस खिलाड़ी को मजदूरी करने के पश्‍चात क्रिकेट खेलने जाना पड़ता है। आपको बता दें कि इस दिग्‍गज खिलाड़ी ने वर्ष 2018 में पहला रणजी मैच खेला और 2010 में ही उन्हें आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने आठ लाख रुपए में खरीदा उसके पश्‍चात 2011 में उन्होंने भारतीय लिमिटेड किया और शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद इन्‍होंने कभी पीछे मुड़कर नही देखा और इंडियन टीम में अपनी अहम भूमिका निभाने में कोई कसर नही छोड़ते है। अब आप लोग सोच रहे होगें कि आखिर किस खिलाड़ी की बात की जा रही है?

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि जिस खिलाड़ी की आज हम बात कर रहे है वो और कोई नही है बल्कि इंडियन टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव है। आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम में आने से पहले उनके परिवार की हालत बहुत ही खराब थी जिसके कारण उन्हें दो वक्त की रोटी भी मिलना मुश्किल हो जाती थी। वह अपने पिताजी के साथ मजदूरी पर भी जाया करते थे, पर उमेश यादव ने हौसला नही छोड़ा और वह मजदूरी करने के पश्‍चात क्रिकेट खेलने जाया करते थे पर उमेश यादव के पिता चाहते थे कि वह पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी करें ताकि घर परिवार का खर्चा चल सके, पर किस्‍मत को तो कुछ और ही मंजूर था। आज वह क्रिकेट की दुनिया में सबसे फास्‍ट बॉलर के रूप में जाने जाते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि उमेश ने 40 टेस्‍ट मैचों में 117 विकेट लिये है, जबकि 277 रन भी बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। वहीं वनडे में अब तक 79 विकेट,आईपीएल के कुल 130 मैचों में 136 विकेट लिये है।

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