एक दूसरे से नहीं मिल पा रहे आपके विचार, इस तरह करें मैनेज
आपको खेल-कूद पसंद है, लेकिन आपके पार्टनर को पढ़ना। आप हर काम बहुत तरतीब से करते हैं, लेकिन आपका पार्टनर नहीं करता। आपको लोगों के साथ उठना-बैठना पसंद है, लेकिन आपका पार्टनर अकेला रहना पसंद करता है। अगर आप दोनों की पसंद एक दूसरे से बिलकुल अलग है तो मैनेज करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान…
एक दूसरे का साथ दीजिए
अगर आपको लगता है ‘हम एक-दूसरे के लिए नहीं बने हैं,’ तो आपको एक-दूसरे में कमियाँ ही नज़र आती रहेंगी। इसके बजाय साथ मिलकर काम कीजिए और यह सोचिए कि आपके साथी की अलग पसंद की वजह से आपकी ज़िंदगी में मिठास आ गयी है, न कि कड़वाहट।
इसे आज़माइए
लिखिए कि आपको अपने साथी की कौन-सी बातें अच्छी लगती हैं और किन मामलों में आपकी पसंद एक जैसी है। फिर वे बातें भी लिखिए, जिनमें आपकी दोनों की सोच आपस में नहीं मिलती। ऐसा करने से आप पाएँगे कि जिन मामलों में आपकी पसंद-नापसंद एक दूसरे से अलग है, वे शायद इतनी बड़ी बात न हो। इस तरह लिखने से आपको यह भी पता चलेगा कि किन मामलों में आप अपने पति या पत्नी का साथ दे सकते हैं।
हद-से-ज़्यादा की उम्मीद मत कीजिए
यह ज़रूरी नहीं कि आपकी शादीशुदा ज़िंदगी सिर्फ तभी कामयाब होगी, जब आप दोनों की पसंद-नापसंद बिलकुल एक-जैसी हो। इसलिए अगर आप दोनों के बीच कुछ मतभेद हो जाते हैं, तो इसका यह मतलब नहीं कि आपने अपने साथी से शादी करके बहुत बड़ी गलती कर दी।
मामले को दूसरों की नज़र से देखिए
शायद किसी मामले में आपके जीवन-साथी की सोच आपसे मिलती न हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उसका सोचना गलत है।हरेक काम को करने के बहुत-से तरीके हो सकते हैं और हर तरीके के अपने फायदे होते हैं।
जल्दबाजी ना करें
कुछ लोग कहते हैं, ‘हमें एक जैसे गाने नहीं पसंद’या ‘हमें एक-जैसी फिल्में नहीं पसंद। लेकिन अगर आपने इन वजह से अपना रिश्ता तोड़ दिया होता, तो आप वे सारी खुशियाँ खो देते, जो आपको एक साथ रहने से मिली हैं और न ही आप वे चीज़ें कर पाएंगे, जो आप दोनों पसंद करते हैं।