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ऑनलाइन फॉर्मेसी के खिलाफ दवा की दुकानें बंद होने से मरीजों को परेशानी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा 28 अगस्त को जारी ड्रॉफ्ट के विरोध समेत अन्य मांगों के समर्थन में दवा व्यापारियों ने पूरे प्रदेश में शुक्रवार को दुकानें बंद रखीं।

दवा व्यापारियों का कहना है कि ई-फॉर्मेसी को बढ़ावा देने से इसका असर सीधे मरीजों पर पड़ेगा। लोग गलत दवाएं मंगा लेंगे। उनकी जांच के लिए सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। दवा दुकानें ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के बैनर तले पूरे भारत में बंद का असर देखने को मिला। मरीज और तीमारदार दवा लेने के लिए बाजारों में भटकते रहे। वहीं, सरकारी और निजी अस्पतालों में दवा लेने के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ी। अधिक भीड़ और अव्यवस्था के चलते सरकारी अस्पताल में तो कई जगह मरीज बिना दवा लिए लौट गए। हालांकि आपात स्थिति में अस्पतालों और नर्सिंग होम के मेडिकल स्टोर को इससे छूट दी गई है। दवा विक्रेता संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन फार्मेसी से दवा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। यही नहीं इसका असर दुकानदारों और उससे जुड़े कर्मचारियों के रोजगार पर भी पड़ेगा। दिल्ली-एनसीआऱ में मेडिकल स्टोर के अलावा संयुक्त व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद की। गाजियाबाद के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह व्यापारियों ने जाम लगाया और मेडिकल स्टोर समेत कई दुकाने बंद की। दवा की दुकानें बंद होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। झारखंड के कोल्हान में व्यापारियों के भारत बंद का मिलाजुला असर है। पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर में कहीं दुकानें बंद हैं तो कहीं खुली हैं। हालांकि दवा की दुकानें बंद हैं। कदमा में सभी दुकानें खुलीं हैं,जबकि बिष्टूपुर में दुकानें बंद हैं। साकची की सभी दवा दुकानें बंद है जमशेदपुर केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन ने साकची चौधरी बिल्डिंग के निकट धरना दिया। जुगसलाई बागबेड़ा रोड में बंद दुकाने हैं। पेट्रोल पंप भी बंद है। घाटशिला समेत अन्य शहरों में दवा की दुकानें बंद हैं। पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा,चक्रधरपुर समेत अन्य शहरों में दवा की दुकानें बंद हैं। सरायकेल-खरसावां में ऐसी ही स्थिति है। ई-फार्मेसी एक्ट के विरोध में राजधानी देहरादून में आज दवा कारोबारी हड़ताल पर हैं। दवा की दुकानें बंद होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी के सभी केमिस्ट दून अस्पताल के पास जैन मेडिकल हाल पर एकत्र हुए हैं। यहां से डीएम कार्यालय कूच कर पीएम के नाम एक ज्ञापन देंगे।केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उप्र. के आवाह्न पर शुक्रवार को राजधानी की सभी दवा दुकानें बंद रहीं। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन लखनऊ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश कुमार और कोषाध्यक्ष सुदीप दुबे ने संयुक्त रूप से बताया कि लखनऊ की सबसे प्रमुख बाजार अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट, गोमती नगर, अलीगंज, कैसरबाग, आलमबाग, चौक, मेडिकल कॉलेज समेत अन्य इलाकों में होलसेल व रिटेल की करीब छह हजार दवा दुकानें बंद रहीं। वहीं, प्रदेश में करीब एक लाख 12 हजार दवा दुकानों पर ताला लटका रहा। दुकानदारों ने अमीनाबाद समेत अलग-अलग जगह पर सड़क पर सभाएं भी की। दुकानें बंद होने से करीब 90 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित रहा। खरीद और बिक्री दोनों पर असर रहा। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) के संगठन सचिव और रिटेल डिस्ट्रब्यूटर्स केमिस्ट्स एसेासिएशन के अध्यक्ष संदीप नांगिया ने बताया कि केंद्र सरकार ऑनलाइन फार्मेसी को लेकर एक ड्रॉफ्ट पॉलिसी तैयार की है। उसके विरोध में हम एक दिन की सांकेतिक हड़ताल कर रहे है। इसमें देशभर के करीब 8 लाख दवा विक्रेता शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानवीय आधार पर अस्पतालों और नर्सिंग होम में मौजूद मेडिकल स्टोर को इससे छूट दी गई है। एआईओसीडी के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने बताया कि ऑनलाइन फार्मेसी पूरी तरह से व्यापार करने का जरिया है। देश में स्वास्थ्य व्यापार का केंद्र नहीं हो सकता है।

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