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ओलंपिक 2020 तक दीपा करमाकर को कोचिंग देते रहेंगे नंदी

अगरतला : त्रिपुरा सरकार ने जिमनास्ट दीपा करमाकर के 2020 टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के मद्देनजर उनके कोच बिसेश्वर नंदी को कार्यकाल विस्तार दिया है। राज्य सरकार ने मंत्रिपरिषद की शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया। सूचना मंत्री भानू लाल साहा ने बताया कि नंदी का कार्यकाल दीपा की तैयारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि नंदी आगामी ओलंपिक के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं इसलिए हमने फैसला किया है कि उन्हें उनके पद पर बनाए रखा जाए। हमने उन्हें अभी एक वर्ष का विस्तार दिया है लेकिन इसे 2020 टोक्यो ओलंपिक तक आगे बढ़ा दिया जाएगा ताकि दीपा की तैयारियों में बाधा न आए।Þ नंदी के मार्गदर्शन में दीपा रियो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की एकमात्र जिमनास्ट थीं और काफी कम अंतर से पदक से चूक गयी थीं। वह 50 वर्षों में पहली जिमनास्ट रहीं जिन्होंने ओलंपिक में हिस्सा लिया। नंदी को उनकी मेहनत के लिए गुरूओं को दिए जाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार द्रोणाचार्य सम्मान से भी नवाजा गया था।

गौरतलब है कि दीपा करमाकर ओलम्पिक में हिस्सा लेने वालीं पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं। त्रिपुरा के अगरतला में जन्मी दीपा ने 6 वर्ष की उम्र से ही जिम्नास्टिक्स आरंभ कर दिया था। उसी समय से वह अपने कोच विश्वेश्वर नंदी के निर्देशन में अभ्यास कर रही हैं। जिम्नास्टिक्स की कक्षा में पंजीकरण के समय दीपा फ्लैट फीट की समस्या से ग्रस्त थीं। कोच नंदी के अनुसार फ्लैट फीट के कारण दीपा की उछाल में समस्या आ रही थी। इसको ठीक करना दीपा और उनकी कोच के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा। 2007 में जलपाईगुड़ी में उन्होंने जूनियर नेशनल्स जीता। 2007 से दीपा ने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुल 77 पदक जीते हैं जिनमें से 67 स्वर्ण पदक हैं। ओलम्पिक में उन्होंने फाइनल में अपनी जगह बनाई। फाइनल में वह मामूली से अंतर (0.150) से कांस्य पदक पाने से चूक गईं और चौथे स्थान पर रहीं। उन्होंने अति कठिन माने जाने वाले प्रोदुनोवा वॉल्ट का सफल प्रदर्शन किया जिसे विश्व में गिनती की 5 जिम्नास्ट ही कर पाई हैं।

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