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करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास करने पहुंची केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, दिखा खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला

पाकिस्तान में बुधवार को करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया गया। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल करतारपुर से मिट्टी लेकर घर लौटी हैं। सिखों के पहले गुरु और पंथ के संस्थापक नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर में ही गुजारे थे। समारोह में पाकिस्तान के न्योते पर भारत सरकार के 2 मंत्री हरसिमरत कौर, हरदीप पुरी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू हिस्सा लेने पहुंचे। पाकिस्तान के करतारपुर में आयोजित समारोह में आतंकी सरगना हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला भी मौजूद था। यही नहीं समारोह के दौरान वह पाकिस्तानी सेना प्रमुख बाजवा के साथ हाथ मिलाता हुआ भी नजर आया। शिलान्यास कार्यक्रम में एक फिल्म दिखाई गई, जिसमें जिन्ना से लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के बयानों को दिखाया गया। कार्यक्रम में सिद्धू ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर आगे बढ़ने के लिए इमरान खान की जमकर तारीफ की। कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा भी मौजूद रहे।

नई दिल्लीः पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में शामिल होने गईं कौर वहां करतारपुर गुरुद्वारे से अपने पति और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के लिए फूलों का प्रसाद और चपातियां भी लेकर आई हैं। केंद्रीय मंत्री पाकिस्तान में गुरुद्वारे के दर्शन के लिए जाते वक्त भावुक भी हो गईं, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हमें कोई बुलावा देने वाला नहीं फिर भी नानक देव की कृपा से हमें यह मौका मिल रहा है। कौर ने कहा कि सिख समुदाय के लिए यह काफी भावुक क्षण हैं जब उनकी मनोकामना पूरी हो गई है। हरसिमरत कौर ने करतारपुर गुरुद्वारे में आयोजित लंगर में आम लोगों के साथ बैठकर प्रसाद लिया। कॉरिडोर खुलने के फैसले को गुरु नानक देव का चमत्कार बताया और दोनों मुल्कों की सरकारों का आभार जताया। केंद्रीय मंत्री ने यहां गुरुद्वारे में अरदास की और उसके बाद झूठे बर्तन धोकर सेवा भी की। भारत में भी 26 नवंबर को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। इसके बाद पाकिस्तान के बुलावे पर दोनों केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार के प्रतिनिधियों के रूप में पाकिस्तान सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पाकिस्तान में आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद कौर और उनके कैबिनेट सहयोगी हरदीप सिंह पुरी बुधवार की शाम देश लौट आए। पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी वहां निजी हैसियत में मौजूद थे। पूर्व क्रिकेटर सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दोस्त हैं और उन्हें इमरान की ओर से इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया था। हरदीप पुरी ने कहा कि उन्हें आशा है कि भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर करतारपुर गलियारा बनाने में अब कोई रोड़ा नहीं आएगा। कौर और पुरी दोनों बुधवार की सुबह अटारी-वाघा सीमा से होते हुए पाकिस्तान गए थे। इमरान खान ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सिद्धू की जमकर तारीफ की और उन्हें शांति का दूत बताया, जो दोनों मुल्कों को करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी करतापुर कॉरिडोर के आधारशिला कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में बाजवा को सिद्धू ने गले लगाया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। इस समारोह में खालिस्तानी अलगाववादियों की भी मौजूदगी दिखी। आतंकी सरगना हाफिज सईद का सहयोगी और खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल चावला तो पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा के साथ खड़ा दिखा। चावला ने बाजवा से हाथ भी मिलाया। गोपाल चावला अपने भारतविरोधी रुख के वजह से जाना जाता है। लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से उसका करीबी रिश्ता है। यह कॉरिडोर करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ेगा। भारत ने 20 साल पहले इस कॉरिडोर को बनाने का प्रस्ताव दिया था। भारत सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के कदम की सराहना की है, लेकिन साथ ही साफ किया है कि आतंकवाद पर लगाम तक बातचीत की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। पाकिस्तान ने गलियारे के आधारशिला कार्यक्रम के लिए सिद्धू के साथ-साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को न्योता दिया था। अमरिंदर ने पाकिस्तान करतारपुर का न्योता ठुकरा दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान दौरे को निजी दौरा बताया है। कैप्टन ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने सिद्धू से पाक न्योते पर हामी भरने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। उन्होंने कहा कि सिद्धू पाकिस्तान जाने का मन बना चुके थे, ऐसे में किसी को उसके ‘निजी दौरे’ से नहीं रोका जा सकता। सिद्धू के इससे पहले के पाकिस्तान दौरे पर काफी विवाद हुआ था। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने पर सिद्धू उनके बुलावे पर शपथग्रहण समारोह में गए थे।

वहां पर सिद्धू ने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल बाजवा से गले मिले थे। इस पर विवाद भी हुआ था। सिद्धू जब से इमरान खान के शपथग्रहण से लौटे हैं, तब से जब-तब इमरान खान की तारीफ में कसीदे पढ़ते रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा किया था कि उन्हें दक्षिण भारत से ज्यादा पाकिस्तान में अपनापन लगता है क्योंकि वहां की भाषा और संस्कृति उनकी भाषा और संस्कृति जैसी है। करतारपुर कॉरिडोर के क्रेडिट को लेकर भी बीजेपी-शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस में होड़ मची हुई है। करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब 4 किलोमीटर दूर है। सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी। करतारपुर गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजारहित यात्रा कर सकेंगे। इस गलियारे के 6 महीने के भीतर बनकर तैयार होने की उम्मीद है। भारत ने इस गलियारे का प्रस्ताव पाकिस्तान को करीब बीस वर्ष पहले दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने करतारपुर के लिए रवाना होने से पहले बुधवार को इस्लामाबाद में मीडिया से बातचीत में बताया कि अगले वर्ष नवंबर में गुरु नानक देव की 550 जयंती से पहले गलियारे का निर्माण पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखते हुए जहां सिख समुदाय का सपना पूरा होने की बात कही तो वहीं एक बार फिर कश्मीर को विवाद की असल वजह बताते हुए अपना स्टैंड साफ कर दिया। इस धार्मिक आयोजन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उछालने पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी तो वहीं पाक आर्मी चीफ से खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला की मुलाकात पर भारत के ऐतराज को पाकिस्तान ने दुष्प्रचार करार दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की जमीन से नियंत्रित होने वाले आतंकवाद पर लगाम लगाने का आह्वान करते हुए उसे कई नसीहतें दीं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘पाकिस्तान को अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को निभाते हुए उसकी जमीन से नियंत्रित होने वाले क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद को रोकना चाहिए और इस दिशा में सख्त एक्शन लेना चाहिए।’ इसके आगे विदेश मंत्रालय ने इमरान खान के कश्मीर से जुड़े उस बयान की भी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा है कि दोनों मुल्कों के बीच विवाद की अहम वजह कश्मीर का मसला है। इमरान के इस बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा कॉरिडोर के इस पवित्र मौके पर पाकिस्तान के पीएम का कश्मीर मामले को उछालना गैर-जरूरी है। मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस मौके पर उसका जिक्र करना खेदजनक है।कॉरिडोर की नींव रखने के मौके पर खालिस्तान समर्थक आतंकी गोपाल सिंह चावला और पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा की मुलाकात पर भी विवाद हो गया। भारत में इस तस्वीर को लेकर ऐतराज जताया गया तो पाकिस्तान ने इसे मेहमाननवाजी बता दिया। पाकिस्तान आर्मी के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर चावला और बाजवा की मुलाकात पर दिखाई जा रही खबरों को भारतीय मीडिया की तंगनजर करार दिया। उन्होंने कहा, ‘आर्मी चीफ ने पहचान से हटकर आयोजन में आए सभी मेहमानों से मुलाकात की। शांति की कोशिश को दुष्प्रचार का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए।’

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