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कैट ने की मांग, किसानों की तरह व्यापारियों का भी कर्ज हो माफ

व्यापारियों का संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को कहा कि उद्योगों ओर किसानों की तरह व्यापारियों का भी कर्ज माफ किया जाए. कैट ने कहा कि पहले कॉर्पोरेट सेक्टर और बड़े उद्योग का कर्ज माफ किया गया और अब किसानों को कर्जमाफी की सौगात मिल रही है, जोकि देश की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका और देश के करोड़ों करदाताओं के साथ विश्वासघात है.

कैट ने की मांग, किसानों की तरह व्यापारियों का भी कर्ज हो माफ कैट ने एक विज्ञप्ति में कहा कि देश के सात करोड़ व्यापारियों में से जिन्होंने कर्ज लिया है उनका भी कर्जा माफ किया जाए और करों में रियायतें दी जाएं. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कर्जमाफी राजनैतिक दलों के लिए वोटों का कारोबार है.

उन्होंने कहा कि संविधान में किसी भी सरकार को यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वो अपनी मनमर्जी से देश के कोश में से इस प्रकार कर्जा माफ कर बैंकों पर इसका बोझ डाले और बैंकिंग प्रणाली को तहस-नहस कर दे. उन्होंने कहा कि इससे बैंकों का एनपीए बढ़ता है और देश में आर्थिक विषमता पैदा होती है.

कैट ने इस मुद्दे को लेकर एक बड़ा राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. कैट ने इसके लिए 12-13 जनवरी 2019 को भोपाल में अपनी राष्ट्रीय गवर्निग काउंसिल की बैठक बुलाई है, जिसमें देश के सभी राज्यों के व्यापारी नेता हिस्सा लेंगे.

गौरतलब है कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था, इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने दो लाख तक किसानों की ऋण माफ कर दी.

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