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गुजरात में अमित शाह का बढ़ा दबदबा, रूपाणी बने गुजरात भाजपा के नए अध्यक्ष

vijay-rupani-650_650x488_61455887097दस्तक टाइम्स एजेंसी/ अहमदाबाद: गुजरात में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जो घोषणा दो महिने पहले होनी थी वो आखिर शुक्रवार को हो गई। विजय रूपाणी गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बन गए। इससे पहले हर सप्ताह नए नए नाम चर्चा में थे जिन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा था।

महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि लंबे समय बाद ये परिस्थिति आई है जब भाजपा ने एक गैर-पाटीदार या गैर-ओबीसी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। क्योंकि ये दोनों हि राजनैतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। और पिछले एक साल में इन दो गुटों के बीच संघर्ष चलता रहा है। इसलिए दो में से एक को अध्यक्ष बनाना दूसरे को नाराज़ करने जैसा था। ऐसे में रूपाणी, जो कि अमित शाह की तरह ही बनिया समुदाय से आते हैं, को अध्यक्ष बनाया गया।

लेकिन गुजरात में खुले तौर पर तो नहीं लेकिन अंदरूनी तौर पर मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खेमों में पार्टी में वर्चस्व को लेकर एक कोल्ड वॉर चल रहा था। इसी वजह से शायद दो महिने बीत जाने पर भी नए अध्यक्ष की घोषणा नहीं हो पाई थी। लेकिन आखिरकार अमित शाह खेमे का हाथ ऊपर रहा है और अमित शाह के बेहद करीबी कहे जानेवाले विजय रूपाणी प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं।

रूपाणी का अध्यक्ष बनना महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले विधानसभा चुनाव, जो कि 2017 में होनेवाले हैं, वो नये अध्यक्ष की अगुआई में ही लड़े जाएंगे। विजय रूपाणी भाजपा के बहुत पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। सौराष्ट्र के राजकोट से पहले वो सामान्य पार्षद थे, फिर शहर के मेयर बने और फिर धीरे-धीरे पार्टी में उनका रसूख बढ़ा तो वो पार्टी के राज्य के महामंत्री रहे। नरेन्द्र मोदी के भी काफी करीबी रहे रूपाणी। पिछले एक साल से वो विधानसभा में बतौर विधायक चुनकर आये और कैबिनेट मिनिस्टर भी बने।

रूपाणी जानते हैं कि हाल ही में हुए स्थानीय चुनावों में ग्रामीण इलाकों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी, हालांकि शहरी इलाकों में उसका पूरा दबदबा कायम रहा था। ऐसे में उनके सामने कई चुनौतीयां होंगी। सबसे पहली चुनौती है पाटीदार आंदोलन का समाधान करने की, जिसके चलते भाजपा के सबसे बड़े समर्थक माने जानेवाला पटेल समुदाय पार्टी से नाराज़ चल रहा है। वो ओबीसी में पटेलों को शामिल करने की मांग को लेकर पिछले 6 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं।

 

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