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गुलमर्ग : LoC पर इन दिनों जानते हैं सैनिकों की असली लड़ाई किससे है?

gulmarg-soldiers-army-kashmir_650x400_41451331946नई दिल्ली: सेना के जवान हमेशा दुश्मनों से ही नहीं लड़ते, कुछ और भी हो सकता है जिससे वे जूझते हैं। कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर आर्मी के जवान एक अलग तरह की लड़ाई लड़ रहे हैं। मौसम के बदले हुए खतरनाक मिजाज के बीच अपने देशवासियों की जिन्दगी की रक्षा के लिए वे अपनी ड्यूटी जिस मुस्तैदी से कर रहे हैं, वह जानकर आपकी रूह कांप जाएगी।

दुश्मन का खतरा, हिमस्खलन का खतरा…
पौ फटते ही आर्मी के कम से कम तीन जवान बर्फ से ढके गुलमर्ग सेक्टर में पेट्रोलिंग करने के लिए निकल पड़ते हैं। इस तरह के इलाके में किस प्रकार से ऑपरेट किया जाता है, इस बारे में मामले के जानकार किसी वरिष्ठ सैनिक द्वारा ब्रीफिंग के साथ ड्रिल शुरू होती है। पेट्रोलिंग करने वाली यह टीम प्रतिदिन 10 किमी गहरी बर्फ के बीच घूम घूम कर अपनी ड्यूटी पूरी करती है। ये वे एरिया हैं जहां हिमस्खलन का खतरा अक्सर बना रहता है।

सैनिक रविंदर सिंह ने बताया- दुश्मन की ओर से खतरा तो है ही, हर वक्त हिमस्खलन का खतरा भी बना रहता है। जब बर्फ रुक जाती है और धूप निकल आती है तब हिमस्खलन का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।

-10 डिग्री से ज्यादा तापमान में भी…
गुलमर्ग में और ज्यादा ऊपर की ओर जाएं तो वहां इन दिनों -10 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर है। बावजूद इसके सेना के जवान खुद जा-जाकर हर हिस्से पर नजर बनाए हुए हैं। इन कठिनतम परिस्थितियों में सेना के ये जवान पेट्रोलिंग के दौरान आपस में रस्सियों के जरिए जुड़े रहते हैं और बर्फ से ढके  इलाके में खतरा भांपने पर एक दूसरे को आगाह करते हैं। इनके पास खास तरह के कपड़ों का एक सेट होता है और कुछ जरूरी उपकरण होते हैं। वे न सिर्फ हथियारबंद घुसपैठियों से निपटते हैं बल्कि उन्हें मौसम की गंभीर विपरीत परिस्थितियों से भी जूझना होता है।

एक अन्य सैनिक अशोक सिंह के मुताबिक, जैसे ही हमें किसी घुसपैठ को लेकर अंदेशा होता है या ऐसी कोई जानकारी मिलती है, तब चाहे मौसम किस हद तक भी खऱाब क्यों न हो, हमें फर्क नहीं पड़ता हम पेट्रोलिंग के लिए निकल पड़ते हैं। हमें अपनी ड्यूटी पूरी सतर्कता के साथ करनी है।

स्की-पेट्रोलिंग…
गुलमर्ग में तापमान हमेशा जमा देने वाला होता है। वहां अक्सर स्की-पेट्रोलिंग की जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा इलाका कवर किया जा सके। ज्यादा भारी बर्फबारी के चलते LoC के निकट बनी दीवार हर साल ढह जाती है और इन जवानों को हमेशा सजग रहना पड़ता है और बर्फीले तूफानों के बीच अपनी ड्यूटी करनी होती है।

 

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