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गुवाहाटी में पीएम मोदी को दिखाए गए काले झंडे, पुतला जलाने की दी धमकी

असम में नागरिकता बिल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। उन्हें शनिवार को दूसरे दिन भी दो जगह काले झंडे दिखाए गए। इससे पहले शुक्रवार शाम को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के सदस्यों ने हवाई अड्डे से राजभवन जाते समय प्रधानमंत्री मोदी को काले झंडे दिखाए थे और बिल के खिलाफ नारे भी लगाए थे। प्रधानमंत्री दो दिन के पूर्वोत्तर के दौरे पर यहां पहुंचे हैं।

प्रधानमंत्री जब लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से शाम करीब 6:30 बजे राजभवन की ओर जा रहे थे, तभी गुवाहाटी विश्वविद्यालय के गेट पर आसू के सदस्यों ने उनकी ओर काले झंडे लहराए। उस दौरान ये लोग ‘मोदी गो बैक’ और ‘नागरिकता संशोधन बिल समाप्त करो’ के नारे लगा रहे थे।

छात्र संघ पहले ही इस बात की घोषणा कर चुके थे कि पीएम के दौरे के दौरान वह नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करेंगे। 25 दिसंबर को बोगीबील ब्रिज का उद्धाटन करने के बाद से ये पीएम का तीसरा असम दौरा है। इससे पहले जनवरी के अपने दौरे में सिलचर में एक रैली में पीएम ने कहा था कि वह नागरिकता संशोधन बिल लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

शनिवार को पीएम मोदी कई परियोजनाओं का उद्धाटन करेंगे और असम, त्रिपुरा एवं अरुणाचल प्रदेश में जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। आसु ने गुवाहाटी में काले झंडों के साथ पीएम ऑफिस के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया। पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। इससे पहले आसु और 38 अन्य संगठनों ने स्वदेशी समूहों का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यभर में बिल की प्रतियां जलाई थीं।

शनिवार की सुबह पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश में होलोंगी के पेरुम पाली जिले में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की नींव रखेंगे, वह 110 मेगावाट हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना का उद्धाटन करेंगे और साथ ही सेला टनल की नींव भी रखेंगे। पीएम गुवाहाटी के चंगसारी में ब्रहम्पुत्र नदी पर छह लेन के ब्रिज का उद्धाटन करेंगे। इसके अलावा पीएम यहां और भी बहुत सी परियोजनाओं का उद्धाटन करेंगे।

अग्रतला में पीएम एक जनसभा को संबोधित करेंगे। यहां वह एयरपोर्ट पर दिवंगत राजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर की मूर्ति का अनावरण करेंगे। दक्षिणी त्रिपुरा में पीएम गोमती जिला गरजी और बिलोनिया के बीच बने 23 किमी के रेलवे ट्रैक का उद्धाटन करेंगे। असम में भाजपा नेताओं की तीन लाख कार्यकर्ताओं को जुटाकर रैली करने की योजना है।

आसु के चीफ अडवाइजर सामुज्जल भट्टाचार्य का कहना है, “यह एक सरकारी योजना है। एम्स, ब्रह्मपुक्ष पर ब्रिज सभी असम एकोर्ट का हिस्सा है। हमें विकास की जरूरत है लेकिन हमें बिल नहीं चाहिए। विरोध में शामिल लोगों की संख्या पीएम की जनसभा में शामिल लोगों से अधिक होगी। हम पीएम के पुतले भी जलाएंगे।”

असम के एक मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य का इसपर कहना है कि जो भी लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, सभी कांग्रेस के सहयोगी हैं। इनसे और उम्मीद भी क्या की जा सकती है? त्रिपुरा से मकपा के तीन सांसदों का कहना है कि वह भी पीएम की यात्रा का बहिष्कार करेंगे।

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