लखनऊ

गोमती आरती कर याद किये गये कबीर दास

वेदियों पर लालटेन जलाकर दी श्रद्धांजलि, तट पर आस्था से सराबोर हुए लोग
लखनऊ: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मनकामेश्वर उपवन स्थित गोमती तट पर शुक्रवार को मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्या गिरि महाराज की अगुवाई में नमोस्तुते मां गोमती अभियान के तहत 11 वेदियों पर पंडित श्यामलेश जी के आचार्यत्व में ब्राह्मणों ने महाआरती की। आजादी के आदिवासी महानायक विरसा मुण्डा जी की पुण्यतिथि पर 11 वेदियों पर लालटेन जलाकर महंत समेत उपस्थित श्रृद्धालुओं ने श्रृद्धांजली अर्पित की। देव्या गिरि महाराज ने बताया कि विरसा मुण्डा ने अंग्रेजों से जबरदस्त संघर्ष करते हुये 09 जून, 1900 को अंतिम सांस रांची कारागार में ली थी। आज भी बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में विरसा को भगवान की तरह पूजते हैं। आजादी के महानायक की झारखंड में जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिये उनकी वैचारिक शक्ति ही कारगर सिद्ध हो सकती है।
स्वावलंबन से आध्यात्म की ओर ले जाने वाले संत कबीर की मनायी गयी जयंती- श्रम साधक संत ने राम को सामान्य जन व काम से जोड़कर देखा। उन्होंने करघा-चरखा और कपड़ा बनाने के सामान को मुक्ति का मार्ग बताया। संत उत्साहदास, कबीर विशाल कल्याण कुंज, रयैय्या व महंत देव्या गिरि जी महाराज ने संत कबीर दास के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित हुआ न कोय और माला फेरत जुग भया, फिर न मन का फेर…. जैसे दोहे के जरिये कर्मकांड की निस्सारता का संदेश गायक बालकृष्ण जी ने दिया। डॉ. अनिल त्रिपाठी ने मां गोमती की झिलमिल-झिलमिल लहराये रे, गोमा तेरी चंचल लहरिया गीत गाया तो तट पर लोग आस्था से सराबोर हो गये।
नाविकों को मिला सम्मान, नौ जुलाई को होगी अगली महाआरती
मां गोमती की महाआरती के तीन दिवसीय जलकुंभी हटाओ अभियान में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाने वाले केवट राज कुमार कश्यप व सुरेश को नमोस्तुते मां गोमती सम्मान में शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
महंत देव्या गिरि जी ने बताया कि अगली महाआरती नौ जुलाई 2017, दिन रविवार को आषाढ़ शुक्ल में आयोजित की जायेगी। महंत ने सभी श्रृद्धालुओं से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में नौ जुलाई को होने वाली महाआरती में शामिल होने आयें।

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